may14

मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

happy new year 2014


नए साल पर मंथन... 


दोस्तों,

आप सब को नव-वर्ष 2014 की अनेकों शुभ-कामनायें ...

दुआ है ...

ये साल जीवन में...

 उमंग,उत्साह ,ख़ुशी ,सेहत ,प्यार ,इज्जत ,नाम ,काम ,धन ,समृद्धि और संतोष लेकर आये !
 हमारे अच्छे संकल्प पूरे  हों ! अपने जीवन के लक्ष्य की तरफ हमारे कदम बढ़ें !

नए साल के जश्न के साथ थोडा आत्म-चिंतन,थोडा मंथन भी ...


नए साल पर मंथन 

बदलना ही है तो अपनी जिंदगी बदलें हम 
वरना हर नया साल ,हर साल बदलता है !!
वही इच्छायें ,वही काम ,वही भागते से हम 
तकिया वही रहता है ,सिर्फ लिहाफ बदलता है !!
नए साल के शुरू में अपनी खुमारी से जागते हैं हम 
अंजाम वही रहते हैं ,सिर्फ अंदाज बदलता है !!
सोचते तो हैं कुछ नया करेंगे नए साल में 
सोचते ही रह जाते हैं ,और साल बदलता है !!
इस साल कर ना पाये ,अगले साल करेंगे 
साल भी अगले साल में सालों-साल बदलता है !!
नए साल के संकल्प ,कुछ दिन ही रहते याद 
दुबारा तब याद आते  है जब, फिर साल बदलता है !!
 नए साल के बदलने भर से कुछ नहीं बदलता
जब तक सोच वही रहती है तो सिर्फ साल बदलता है !!
बहुत बदल लिया सालों को ,अब खुद को बदलें हम 
हम भी तो बन सकते हैं वो जो इतिहास बदलता है !!
बस थोड़ी सी लगन ,परिश्रम और पक्का इरादा 
अरे,उड़ने वाले परिंदे के लिए तो आकाश बदलता है !!
बदलना ही है तो अपनी जिंदगी बदलें हम 
वरना हर नया साल ,हर साल बदलता है !!
डॉ नीरज यादव ,बारां 

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सोमवार, 30 दिसंबर 2013

thank you .....




शुक्रिया दोस्तों... 


दोस्तों,
कल आपके blog का Total Page Views एक लाख को पार  कर गया !  आप सब के प्रोत्साहन और स्नेह के बिना ये सम्भव नहीं था !
  • शुक्रिया ,मेरे लेखन को पसंद करने के लिए 
  • शुक्रिया ,मेरा साथ देने के लिए 
  • शुक्रिया ,आपके अच्छे-अच्छे comments के लिए 
  • शुक्रिया , आपकी नाराजगी के लिए ,आखिर नाराज भी तो अपने ही  होते हैं ,है ना ?

मुझे उम्मीद है कि मेरे किसी न किसी article ने आपको हताशा भरे क्षणों में आशा की एक हलकी सी किरण दिखलाई होगी ! दुर्बलता के क्षणों में साहस का संचार किया होगा ! व्यस्तता ,दौड़-भाग भरी जीवन शैली में थोडा ही सही पर आपको relax किया होगा ! article की किसी line ने आपके तनाव ग्रस्त चेहरे पर मुस्कान की झलक दिखला दी होगी ! अगर ऐसा जरा सा भी हुआ है ,तो मेरा blog लिखना सार्थक है !

आशा है आपका ये साथ  नए साल में भी achhibatein के साथ रहेगा , आपके अच्छे अच्छे comments मुझे और भी अच्छा लिखने कि प्रेरणा देते रहेंगे !

आप सब को नव-वर्ष की अनेकों शुभ-कामनाएं............ डॉ नीरज 

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शनिवार, 21 दिसंबर 2013

story Trust and faith in hindi



श्रद्धा और विश्वास.... 

रात के 2 बजे थाने की  घंटी बजी !
हलो ! कौन ?
यहाँ जन्नत मार्ग निष्ठा पथ पर इंसानियत के खंडहर के पीछे एक लड़का और एक लड़की लहुलुहान हालत में पड़े हैं ,जल्दी आइये ! बताने वाले ने अपना नाम नहीं बताया ! 
मौका मुआयना करने पर पुलिस वालों ने देखा ,एक जवान लड़की ,अधमरी अवस्था में ,लगभग निर्वस्त्र ,लहुलुहान सी ,बेदम पड़ी है ! शायद उसका बलात्कार हुआ है ! वहीँ पास में एक युवा सुदर्शन सा लड़का बेहोश पड़ा है ,जिसकी पीठ और सीने पर खंजर के कई वार हैं ! देखा ,दोनों कि नब्ज रुक-रुक कर चल रही है !
तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया 
डॉ मानव के अथक प्रयास से उन दोनों कि जान बच सकी और वे बयान देने की हालत में आये !
लेडी इंस्पेक्टर करुणा ने पूछा ,कैसी हो ? क्या अपनी आपबीती बता सकती हो ?

जरुर इंस्पेक्टर ,  मैडम  मेरा नाम श्रद्धा है और ये मेरा भाई विश्वास है ! कहाँ से शुरू करूँ ,एक समय था जब हर घर में मेरी पहुँच थी ,मैं लोगों के दिलों में ,उनकी आत्मा में रहा करती थी ! मेरा भाई भी मेरे साथ ही लोगों के मन में रहा करता था ! 
लेकिन समय का फेर देखिये ,जिन्होंने हमें पैदा किया ,जिनकी गोद में हम पले-बढे ! कुछ सफेदपोश , ढोंगी ,दुराचारीयों  ने उनके जैसा वेश बना कर मेरा शील-हरण किया ! मैं बहुत रोई ,गिड़गिड़ाई ,पर वो निष्टुर ,पापी बिलकुल नहीं पसीजे ! समाज के सामने अपना आदर्श रूप दिखाते रहे ,और रोज उसकी आड़ में मेरा बलात्कार करते रहे ! उनके देखा-देखी और दूसरे कामी लोलुप लोगों ने भी धर्म,मजहब की आड़ में अपने वीभत्स क्रिया-कलाप शुरू कर दिए ! 

मेरे भाई विश्वास का सहारा लेकर भी उन जालिमों ने मुझे नोच डाला ! मेरे भाई के साथ भी यही हुआ ! इन दुष्टों ने सामने से मुस्कुरा कर ,गले लगा कर उसकी पीठ में धीरे से खंजर भोंक दिया ! और ये सब इतना दबे छुपे हुआ कि भोली-भाली ,मासूम जनता को इन तथाकथित धर्म,मजहब के ठेकेदारों के कुकर्मों का पता नहीं लग पाया ! 

ऐसे लोगों की वजह से ही अच्छी और सच्ची जगहों पर से भी हमारा वजूद ख़तम होता जा रहा है ! एक अच्छे इंसान , फ़रिश्ते को भी लोग शक़ और नफरत की नजर से देखने लगे हैं !

अब जबकी इन सफेदपोशों के दामन के दाग बाहर दिखने लगे ,तो बजाय शर्मिंदा होने के ,इन हवस के भेड़ियों ने मेरा सामुहिक शील हरण कर लिया ! मेरे अस्तित्व को तार तार कर दिया ! मेरा अंतर्नाद सुन जब भाई मुझे बचाने आया तो इन दरिंदों ने उसकी पीठ और सीने को खंजरों से भेद दिया !
शुक्रिया डॉ मानव ,कि हमारा वजूद अभी बच गया ,लेकिन कब तक ? हम सही होकर बाहर निकलेंगे और ये घात लगाए भेड़िये फिर हमें लूट लेंगे ,हमें मार डालेंगे ! इसका कोई समाधान नहीं है क्या ?
क्यों नहीं है ,जरुर है ! डॉ विवेक ने कहा 
तुम्हारा शील बचा रह सकता है अगर ये भोली जनता थोडा सा मेरा भी उपचार ले ले ! डॉ विवेक ने हँस कर कहा 
वो क्या डॉक्टर ?
देखो ! भगवान् ,परमात्मा ने हर इंसान को आँख,कान और दिमाग दिया है ,जो सही गलत ,अच्छे बुरे का अंतर कर सकता है ! तो क्यों नहीं ऐसी जगहों पर इंसान अपने विवेक का इस्तेमाल करता ! क्यों वो अंधश्रद्धा और अन्धविश्वास के  मकड़जाल में उलझ जाता है ! पडोसी के जलते  घर को देख कर भी आँखें मूंदे बैठे रहेंगे तो अगला जलता घर हमारा ही होगा !
और अगर कोई मेमना आँख बंद कर अपने आप को भूखे भेड़िये के सामने ले जाएगा ,तो वो तो उसको खाएगा ही !
ये तथाकथित धर्म मजहब के ठेकेदार इन मासूमों की इस कमजोरी का ही फायदा उठा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं ! जरुरी नहीं हर चमकती चीज सोना ही हो ! काश कि ये बात इंसान समझ पाये !
चलो , जल्दी से ठीक हो जाओ दोनों ,क्योंकि तुम्ही से तो इस दुनिया का वजूद है !

डॉ नीरज यादव ,बारां 

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बुधवार, 18 दिसंबर 2013

some selected articles...2





कुछ चुने हुये मोती... 2


दोस्तों ,
जिंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि हम आगे बढ़ते जाते हैं ,नया सीखते जाते हैं ,पर पुराना भूलते भी जाते हैं ! कितनी भी काम कि बात अगर दोहराई न जाए तो भुला दी जाती है ! जिस पगडण्डी पर लोग नहीं चलते ,उस पर घास उग जाती है ,है ना ? इसीलिए जरुरी है कि नए को सीखा जाए पर पुराने को भी सम्भाला जाए ,याद रखा जाए ,बशर्ते कि वो जीवन में जरुरी हो !

शुक्रिया कि आप सब ने इतना प्यार दिया ,साथ दिया ! Achhibatein के सफ़र में कुछ readers शुरू से साथ रहे हैं ,जिन्होंने हर post को पढ़ा है ,अपना अमूल्य समय और सुझाव भी दिया है ! वहीं कुछ पाठकगण ऐसे भी हैं ,जो इस सफ़र में अभी ही शामिल हुए हैं ! और जैसा कि होता है कि हम हमेशा आगे कि ओर देखते हैं ,पीछे नहीं ! ऐसे ही उन पाठकगण के लिए Achhibatein की माला से चुने हुए कुछ मोती ,आशा है आपको पुनः पसंद आएंगे ----

  1. कैसा हो जीवन लक्ष्य ?
  2. जीवन में सफलता पाने के सूत्र ....
  3. आ से आंवला ,आ से आरोग्य
  4. sardar vallabhbhai patel quotes in hindi
  5. Be Practical........
  6. keep desire for the best in hindi
  7. mahatma vidur neeti in hindi
  8. पर उपदेश कुशल बहुतेरे ...


दोस्तों, आपके comments का इन्तजार रहेगा …… डॉ नीरज 


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बुधवार, 11 दिसंबर 2013

health article in hindi




आपने अपना saving account खुलवाया क्या ?



दोस्तों,

Title से लग रहा होगा कि आज हम bank से जुडी acchibaatein करेंगे ! जी हाँ ,achhibatein तो करेंगे पर bank  से नहीं, शरीर से related . 

जिस प्रकार bank में हम 2 तरह के ac. खुलवाते हैं , एक current ac. और दूसरा saving ac.  या FD ,RD ,PPF ,etc. 
जिसमे current ac. हमारे रोजमर्रा के खर्चे के काम आता है ,वहीँ saving ac. का पैसा हमारी बड़ी जरूरतों , आपातकाल के समय (शादी ,पार्टी ,foreign trip ,बिमारी आदि )काम आता है !
इसी प्रकार हमारा शरीर भी एक बैंक कि तरह ही है ! जिसमे current ac. है हमारा रोज का खानपान
 
दोस्तों, हमें रोज लगभग 2000 कैलोरी की  आवश्यकता होती है  जो हमारे रोज के खानपान से हमें मिलती है और हमारे daily routine ,like  घूमना ,दौड़ना ,चलना ,सोचना, body system work आदि में खर्च भी हो जाती है !

हम लोग अमूमन खाने में खाते क्या हैं ? 3-4 चपाती ,थोड़ी सी दाल ,सब्जी  ! और फल, सलाद,दूध , juice यदा-कदा ,बाकी नमकीन ,पिज्जा ,कचौरी ,समोसा ,चाट ,पानीपुरी तो अलग है ही ,है ना ?

फिर ऐसे में होता यह है कि जब भी मौसम बदलता है या कोई और कारण , तो हम तुरंत बिमार हो जाते हैं ,सर्दी-जुखाम हो जाता है ! क्योंकि हमारी immunity उतनी नहीं  होती है ,जितनी होनी चाहिए ! और हो भी कैसे क्योंकि हम जो खाना रोज खाते हैं उसकी ऊर्जा तो रोजमर्रा के कार्य में ही खर्च हो जाती है ! बिमारी से लड़ने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा (immunity) शरीर में रहती नहीं है ! 
हम स्वाद के लिए कितना खाते हैं और सेहत के लिए कितना ,यह तो हम जानते ही हैं !

हमारी immunity बढ़ती है हमारे healthy खान-पान और रहन सहन से ! जिसकी immunity जितनी ज्यादा यानि उसका saving ac. उतना ज्यादा और वो इंसान उतना ही स्वस्थ और healthy 

आयुर्वेद कि भाषा में अगर कहूं तो ---

हम जो खाना रोज खाते हैं उसका पाचन होकर शरीर में रस धातु बनती है !  रस से फिर रक्त धातु ,इसी तरह  उत्तरोत्तर वीर्य (in males ) और रज धातु ( in females ) बनती है ! फिर वीर्य/रज का सार भाग (Abstract) ओज बनता है ! और जिसका ओज जितना ज्यादा होगा वो उतना ही ओजस्वी (immune) होगा !


Food (आहार)----------->रस धातु(extract)  -------रक्त धातु(blood)------>माँस धातु(muscle)----->   मेद धातु(fat) ------->   अस्थि धातु(bone) ------->    मज्जा धातु(bone-marrow)   ------->   शुक्र/रज       धातु(semen) ------ओज (immunity)


जाहिर है हमारा आहार जितना healthy और षडरस युक्त होगा हमारा ओज भी उतना ही अच्छा होगा !
दोस्तों यहाँ मैं ज्यादा खाने की बात बिलकुल नहीं कर रहा हूँ ,मैं healthy और immunity ,energy बढ़ाने वाले खाने की बात कर रहा हूँ !

साधारण शब्दों में अगर कहूं तो ,जिस प्रकार ---

गाय का चारा ------> दूध -----> दही ----> मक्खन -----> घी 

गाय को हम जितना अच्छा चारा खिलाएंगे उतना ही अच्छा और ज्यादा घी हमें मिलेगा ! सूखी घास खिलाकर हम ज्यादा घी कि उम्मीद नहीं कर सकते ! उसी प्रकार पिज्जा ,बर्गर ,चाउमीन ,junk/fast food खाकर हम अच्छे ओज और immunity कि भी उम्मीद नहीं कर सकते !

पहले के समय सर्दियाँ आते ही हर घर में उरद ,गोंद के लड्डू ,गाजर का बादाम का हलवा , अलसी की  पिन्नी ,खसखस का हलवा ,तिल के लड्डू ,केसर का दूध ,आमले का मुरब्बा  आदि सेहत से भरे व्यंजन बनते थे ! घर का हर सदस्य उनको खाता  था ! और हाँ ,शारीरिक मेहनत भी उसी अनुपात में करता था ! और पूरे साल सेहतमंद, तंदरुस्त रहता था !
आज विडम्बना है कि पहले तो हम ये चीजें खाते ही नहीं हैं और खाते भी है तो बाजार कि बनी ! और अगर खा भी लेते हैं तो पचा नहीं पाते !
ये सारी  चीजें गरिष्ठ हैं जिनको पचाने के लिए अच्छी जठराग्नि की जरुरत होती है ! बिना पूरी तरह पचे ये चीजें फायदे कि जगह नुक्सान भी कर सकती हैं !
उम्र बढ़ने के साथ शरीर कि क्रियाओं का भी ह्रास होने लगता है ! immunity कम होने लगती है ! खाना भी कम खाने में आता है ,नींद नहीं आती ,घुटने दुखने लगते हैं ,शरीर जल्दी थकने लगता है !

ऐसे समय ही फिर हमारा ये saving ac. काम आता है ! और ये तो आप जानते ही हैं कि bank से withdrawal करने से पहले bank में deposit करना पड़ता है ! खाता खोलना पड़ता है ! 
क्या आपने अभी तक saving ac. नहीं खोला ? कोई बात नहीं अब खोल लीजिये ! जितना अभी इसमें सेहत deposit करेंगे ,बाद में उतनी ही सेहत ब्याज सहित वापस मिलेगी ! ऐसे अनेक ex. हमारे आस-पास हैं जिन्होंने उम्र के 90 साल पार कर लिए हैं पर उनकी energy और health 50 साल के व्यक्ति की तरह है ,बिलकुल fit और active  है ना ? ये उनके अच्छे saving ac. का ही कमाल है ! 

आइये हम भी अपना saving ac. खोलें ,पर कुछ बातें जो याद रखने लायक हैं ---

  • खाना कितना भी healthy और पोष्टिक हो पर अगर पूरी तरह नहीं पचता तो बेकार है !


  • सबसे पहले हमारी जठराग्नि (appetite) सही होनी चाहिए ! हम जो खाएं ,अच्छे से और समय से पच जाए !


  • इसके लिए जरुरी है कि हम थोड़ी सी physical exercise भी करें ,जिसमे --morning walk , पैदल चलना, दौड़ना ,आसन ,प्राणायाम ,खेलकूद,  games खेलना (मैदान में ,mobile या laptop पर नहीं ) आदि भी अपने डॉक्टर कि सलाह से शामिल करें !


  • अंकुरित अन्न ,सलाद, गाजर, मूली , आमला , अमरुद , apple ,पपीता ,अंगूर अनार जैसे फल ,अलसी ,सोयाबीन जैसे धान्य ,बादाम ,काजू , पिस्ता ,चिरोंजी ,अखरोट ,किशमिश आदि का सेवन ,दूध दही ,च्यवनप्राश ,आदि का सेवन 


  • week में 1-2 बार तिल या सरसों के तैल से पूरे शरीर की  मालिश (अभ्यंग)


  • सुबह की गुलाबी धूप का सेवन ,ईश्वर में आस्था ,शारीरिक परिश्रम , मानसिक relaxation ,अच्छी नींद ,शराब,सिगरेट ,तम्बाकू, cold drink ,डर ,तनाव  आदि से दूरी ,गहरी साँस लेने की  आदत जैसी acchibatein 


अगर हम इन सबको समय रहते अपने शरीर के saving ac. में deposit करेंगे तो यकीन मानिये ,जरुरत पड़ने पर हम बहुत सारी सेहत withdrawal कर सकते हैं ! चिर युवा और healthy रह सकते हैं ! 
तो शुभस्य शीघ्रम ……… 

डॉ नीरज यादव 

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मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

some selected articles...1



कुछ चुने हुये मोती... 

दोस्तों ,
जिंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि हम आगे बढ़ते जाते हैं ,नया सीखते जाते हैं ,पर पुराना भूलते भी जाते हैं ! कितनी भी काम कि बात अगर दोहराई न जाए तो भुला दी जाती है ! जिस पगडण्डी पर लोग नहीं चलते ,उस पर घास उग जाती है ,है ना ? इसीलिए जरुरी है कि नए को सीखा जाए पर पुराने को भी सम्भाला जाए ,याद रखा जाए ,बशर्ते कि वो जीवन में जरुरी हो !

शुक्रिया कि आप सब ने इतना प्यार दिया ,साथ दिया ! Achhibatein के सफ़र में कुछ readers शुरू से साथ रहे हैं ,जिन्होंने हर post को पढ़ा है ,अपना अमूल्य समय और सुझाव भी दिया है ! वहीं कुछ पाठकगण ऐसे भी हैं ,जो इस सफ़र में अभी ही शामिल हुए हैं ! और जैसा कि होता है कि हम हमेशा आगे कि ओर देखते हैं ,पीछे नहीं ! ऐसे ही उन पाठकगण के लिए Achhibatein की माला से चुने हुए कुछ मोती ,आशा है आपको पुनः पसंद आएंगे ----