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रविवार, 18 अगस्त 2013

किस कीमत पर…….









                           किस कीमत पर……. 
  

दोस्तों,
आज के समय हर इंसान तरक्की करना चाहता है ,उन्नति करना चाहता है ,दूसरे से आगे बढ़ना चाहता है ,अपना future बनाना चाहता है ,खूब नाम, पैसा ,यश ,सम्मान भी पाना चाहता है ! और उसके लिए हर संभव कोशिश भी करता है ,मेहनत भी करता है ,और समझोते भी करता है !
लेकिन एक सवाल दोस्तों कि हम जो पाना चाह रहे हैं ,उसके लिए जो कीमत चुका रहे हैं ,कहीं वो ज्यादा तो नहीं ??

for ex. आज का युवा अपना घर-परिवार बनाने से ज्यादा अपने भविष्य को ,career बनाने को महत्त्व देता है ,अच्छी बात है ,देना भी चाहिए !   लेकिन अगर इन युवाओं से शादी के बारे में पूछा जाए ,तो अधिकतर उनका यही जवाव होता है , ऐसी भी क्या जल्दी है ! अभी तो मुझे अपना career बनाना है ,जिंदगी में बहुत कुछ बनना है …।   आज के समय शादी की औसत उम्र  28 से 30 साल के आस-पास हो गई है ! बल्कि कई युवा तो 35 की उम्र को cross कर के भी अपना career बनाने में ही लगे रहते हैं !  वो सोचते हैं कि शादी तो हाथ की बात है ,कभी भी कर लेंगे !

दोस्तों,हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है ! मुर्गा यदि दिन में बाँग देगा तो अजीब लगेगा !  16 श्रृंगार एक षोडशी के ऊपर ही फबता है ,अच्छा लगता है !   60 साल की मोहतरमा अगर 16 श्रृंगार करेंगी तो थोडा अजीब ही लगेगा ! है ना ?

दूसरी बात,प्रकृति को और आपके शरीर के तन्त्र को इस बात से कोई  मतलब नहीं है कि पहले आप अपना career बना लें ,फिर वो अपना काम करेंगे !

प्रकृति तो अपना काम सतत करती रहती है ! लड़का/लड़की 10-14 साल की उम्र में युवा होने लगते हैं !लड़कों के शुक्र (semen) और लड़कियों के डिम्ब (egg ) ,उनके शरीर में बनने लगता है ! 20-25 की उम्र में वीर्य के शुक्राणुओं (sperms) और egg की quality और potency अपने चरम पर होती है ! तो जाहिर है बच्चा होने की सम्भावना भी इसी उम्र में ज्यादा होती है !

आप किसी पेड़ से तोड़ कर कोई फल ताजा खाएँगे तो उसका स्वाद और गुण अलग ही होगा ! और उसी फल को 5-7 दिन बाद फ्रिज से निकाल कर खाएँगे तो फल तो वही होगा ,पर उसका स्वाद और गुण ( खासतोर पर गुण ) बहुत कम हो गया होगा !है ना ?

हमारे पूर्वजों ने शादी की ,गृहस्थाश्रम की जो उम्र निर्धारित की थी 25 के आस पास ,  वो वैज्ञानिक तोर पर  बहुत सही है ! 25 से 50 गृहस्थाश्रम , ताकि उफनती नदी को बहाव का रास्ता मिल जाए ! और वो अपने दायरे में भी बहे ,नहीं तो बाढ़ का ,विनाश का खतरा ,है ना !
और भरपूर बहती नदी के पानी से ही खेतों में फसलें उगा करती हैं ,सूखी या कम पानी वाली नदी उतनी फसलों का कारण नहीं हो सकती ,है ना ?

आयुर्वेद में भी जीवन की कई अवस्थाएं मानी गई हैं ---

  • 1 से 16 साल तक --बालावस्था 
  • 20 साल तक ------ बढाव की अवस्था 
  • 30 साल तक-----  योवनावस्था (जवानी )
  • 40 साल तक ----- पूर्णता की अवस्था 
  • 70 साल तक-----  घटाव की अवस्था 
  • 70 से ज्यादा ----- वृद्धावस्था

आज का युवा career के लिए अपनी शादी की श्रेष्ठ और सही उम्र को बहुत पीछे छोड़ देता है ! फिर जब शादी करता है 35 -36 साल के बाद तब पता पड़ता है कि बच्चा होने में परेशानी है !   कारण --male को oligospermia , azoospermia , lack of erection आदि परेशानियाँ हैं और female को PCOD है या tubes बंद हैं या mensus सही नहीं है या अब गर्भाशय उतना सशक्त नहीं रहा है ,जितना 22-25 साल की उम्र में था !   फिर शुरू होते हैं doctors के चक्कर ,परेशानी ,तनाव ………।

मैं यह बिलकुल नहीं कह रहा कि career को छोड़ सिर्फ शादी पर ही ध्यान दें ! लेकिन दोस्तों आप इतनी भाग-दौड़ किसके लिए कर रहे हैं ? जाहिर है अपने और अपने परिवार के लिए ,है ना ? तो पहले परिवार तो बनाइये !

दुनिया में हर चीज की एक कीमत होती है और उससे ज्यादा कीमत देकर उसे खरीदना बेवकूफी होती है ! इसलिए जहाँ career जरुरी है वहीँ समय पर शादी भी जरुरी है ! और हर चीज समय से ही अच्छी लगती है ! आखिर चोट तो गर्म लोहे पर ही की जाती है !  
कहा भी तो है ---का वर्षा जब कृषि सुखानी………….

डॉ नीरज यादव 

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