may14

मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता........





       या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता........



दोस्तों ,

नवरात्र   के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक मंगल कामनाएं ! 

दुआ है 
शक्ति ,साहस ,बल , सदबुद्धि  को देने वाली माता भगवती 
                             achhibatein के सभी सुधि पाठक जनों  और 
                                                       इस संसार के सभी प्राणियों को 
                                                                       अपने आशीष से नवाजें ! 

नवरात्र के नौ दिनों में माँ भगवती के नौ रूपों का पूजन किया जाता है ! इन्हें नौ दुर्गा के नाम से जाना जाता है ! ये नव दुर्गाएं हैं ---

शेलपुत्री ,ब्र्हम्चारिणी ,,चंद्रघंटा ,कुष्मांडा , स्कंध्माता , कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !


दुर्गा शब्द ही अपने आप में विशिष्ट है ! दुर्गा शब्द --द ,उ ,र ,ग ,आ   अक्षरों से मिलकर बना है !

द --देत्यनाशक 
उ -- विघ्ननाशक 
र -- रोगनाशक 
ग --पापनाशक 
आ --भय और शत्रु विनाशक हैं !

देवी भागवत पुराण के अनुसार प्रत्येक कन्या को देवी का स्वरुप ही माना जाता है !   2 से 10 वर्ष की आयु के मध्य अलग-अलग आयु के अनुसार देवी के अलग -अलग नाम होते हैं ----

2 साल की कन्या ----- कुमारी 
3 साल की कन्या ----- त्रिमूर्ति 
4  साल की कन्या ---कल्याणी 
5 साल की कन्या ---- रोहिणी 
6  साल की कन्या ---- कालिका 
7  साल की कन्या ---- चंडिका 
8  साल की कन्या ---- शाम्भवी 
9  साल की कन्या ---- दुर्गा 
10  साल की कन्या ----सुभद्रा    के रूप में होती है !


इस संसार में सर्वत्र शक्ति का ही साम्राज्य है ,अतः शक्ति की उपासना करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ! ऐसा व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है ,जीवन में सफल होता है और सर्वत्र पूज्य होता है !

आइये इस नवरात्र पर हम भी माँ भगवती से सच्चे मन से शक्ति और सदबुद्धि की कामना करें !

 पुनः आप सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं ..................

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