may14

रविवार, 30 जून 2013

Motivational and Inspirational Quotes...part 4




Motivational and Inspirational Quotes...part 4 



दोस्तों,

कुछ और प्रेरणादायक कथन ,दुनिया की उन महान हस्तियों के ,जिनके नाम तो मुझे नहीं पता ,लेकिन पूरे आभार सहित ये quotes आप सबकी नजर हैं --



  • Aim for the moon. Even if you miss, you'll land amongst the stars.

  • The important thing is not to stop questioning.........

  • The time to repair the roof is when the sun is shining.

  • No one can make you feel inferior without your consent.

  • The most wasted days are those without laughter...

  • Well begun is half done.

  • Even the longest march starts with a single step.

  • You can complain because roses have thorns, or you can rejoice because thorns have roses.

  • Enthusiasm is contagious...start an epidemic.

  • Life has a practice of leaving you, if you don't live it.

  • The trouble with being in the rat race is that even if you win, you're still a rat.

  • You may be disappointed if you fail, but you are doomed if you don't try.

  • He who angers you ....conquers you.

  • Don't postpone joy.

  • Don't be afraid your life will end; be afraid that it will never begin.

  • Love and respect are the most important aspects of parenting, and of all relationships.

  • A closed mind is a dying mind.

  • We don't see things as they are, we see them as we are.

  • I was taught that the way of progress is neither swift nor easy.

  • Keep your face to the sunshine and you cannot see the shadows.

  • It is an ironic habit of human beings to run faster when we have lost our way.

  • The best things in life aren't things.

  • What you dislike in another take care to correct in yourself.

  • You cannot depend on your eyes when your imagination is out of focus....

  • Laughter is the shortest distance between two people.

  • The first sign of a nervous breakdown is when you start thinking  your work is terribly important...

  • It's never too late to have a happy childhood.

  • You see things and say 'why?', but I dream things that never were and I say ' why not?'

  • It is never too late to give up your prejudices.

  • Lose a battle  to win a war .

  • One who makes no mistakes never makes anything.


             --------------------------------------------------------------------------------------------------------

Also see ...




बुधवार, 26 जून 2013

Please tell the name....





जरा .....नाम ही बता दीजिये ........

दोस्तों ,

दो comments पढिएगा ....

  • आप ने जो इसके लाभ बताए वह बहुत अच्छा किया. क्या सर मैं आप से यह जान सकता हूँ कि क्या आप ने पहले फेसबुक फैन पेज बनाया और बाद में badge लगाया. 2 या फिर सीधे ही बिना फेसबुक फैन पेज बनाए badge लग............बेनामी


  • Hi! I κnow this is somеwhat οff-toρiс hoωever I hаԁ to ask. Does manаging а wеll-established blog such as yours requіre a lοt οf woгk? I'm brand new to blogging however I do write in my journal on a daily basis. I'd like to stаrt a blοg so I сan easіlу ѕhare my experіence anԁ thoughts online. Please lеt mе know іf уou have аnу kind of iԁeas oг tips for brand neω aspiring blog ownеrs..............बेनामी




दोस्तों ,  ये आप जैसे ही किसी सम्मानीय readers  के comments हैं ! जिन्होंने मुझसे बहुत कुछ जानना चाहा है ,पर अपना नाम बताने में कंजूसी कर गए हैं  ,सिर्फ बेनामी के नाम से comment किया है ,  अब मैं किसी बेनामी को तो जानकारी नहीं दे सकता ,है ना ?

तो please कम से कम अपना नाम तो बता दिया कीजिये........  

मुझे ख़ुशी होगी अपना अनुभव और जो भी थोडा सा ज्ञान है उसे आपके साथ साझा करने की !

इन comments के पाठकों ने मुझसे ब्लॉग के बारे में जानना चाहा है ,          वैसे मुझे लगता नहीं है की अभी मैं बहुत successful blogger की category में आया हूँ ,फिर भी अभी तक का जो अनुभव  मुझे ब्लॉग के बारे में हुआ है ,मैं कोशिश करूँगा की आने वाले दिनों में उसे एक post के माध्यम से आप सबके साथ बांटूं !

अंत में फिर यही कहूँगा       पूछिए ,पर जरा .नाम भी बता दीजिये ........

डॉ नीरज 



       -----------------------------------------------------------------------------------------

शनिवार, 22 जून 2013

मुहांसे और बचाव ....





मुहांसे और बचाव ....



दोस्तों ,
पिछले article  ये मुहांसे ... में हमने मुहांसों के कारणों पर बात की थी ,  आइये अब pimples होने के मूल कारण और उनसे बचाव के बारे में बात करते हैं !

pimples होने के मूल कारण .....

  • teen age की वजह से होने वाला  harmons का प्रभाव 
  • पानी कम पीना 
(मैंने कई teens को देखा है ,जो खाने के समय  खाने के साथ बजाय पानी के cold drink की bottle ले कर बैठते हैं (ऐसी भी क्या आधुनिकता ?)
  • हरी सब्जियां ,दाल ,दूध,छाछ ,सलाद ,फलों का सेवन कम करना 
  • pizza , burger ,chips ,cold and soft drinks ,icecream  जैसे fast  food ,  junk food का सेवन ज्यादा करना 
  • आलू,मैदे की बनी चीजें ,नमकीन ,मीठा, oily food ज्यादा खाना 
  • बहुत ज्यादा चाय ,कॉफ़ी  का सेवन करना 
  • चेहरे पर दिन भर में जमा धूल और गंदगी को साफ़ नहीं करना 
हाँ,एक बात और मैंने गौर की है कि जिन teens को face पर pimples होते हैं उनकी उंगलियाँ दिन में पचासों बार उन pimples को छेडती रहती हैं ,उनकी आदत हो जाती है उँगलियों से बार बार अपने pimples को छूने  की !

सावधान !  आपकी यही आदत आपके pimples को और ज्यादा बड़ा सकती है उन्हें ठीक होने से रोक सकती है ! क्योंकि हमारी उंगलियाँ दिन भर में तरह तरह की जगहों को छूती हैं जिसकी वजह से  हमारी उँगलियों के पोरों में असंख्य bacterias होते हैं और  फिर हम वही bacterias अपने pimples पर transfer करते रहते हैं !
इसलिए बार बार अपने pimples पर उंगलियाँ लगाना बंद कीजिये !

उपरोक्त कारणों से आपके दोष और रक्त धातु दूषित होते हैं ,आपको कब्ज होती है ,शरीर में अनावश्यक गर्मी बढती  है ,शरीर में चिकनाई बढती है ! कुछ बढती उम्र के harmons का भी प्रभाव होता है ! और इन सब कारणों का फल होता है ---आपके चेहरे पर pimple .

अब इन्हें दूर करने के लिए क्या करें ?
करना क्या है ! कारण को दूर कीजिये ,कार्य (मुहांसा ) अपने आप दूर हो जाएगा !


basic treatment for pimples......

  • हमेशा समय से और सही खाना खाइए 
  • cold/soft drinks ,junk/fast food कम कीजिये ..........आखिर आपके चेहरे का सवाल है भई  
  • बार बार चेहरे पर उंगलियाँ लगाना बंद, आज से ही 
  • दिन में 3-4 बार किसी अच्छे साबुन या facewash से चेहरा धोइये ,पर नजाकत से ..

अब आप कहेंगे कि ये नजाकत से धोने  का क्या मतलब है ?

दोस्तों लेख लम्बा होगा पर मुझे लगता है की आप जानना चाहेंगे ,है ना ?
तो चलिए बताता हूँ --

हम लोग अधिकतर अपना चेहरा ऐसे धोते हैं ,जैसे किसी दीवार की घिसाई कर रहे हों ! साबुन लिया ,हाथ में मला ,चेहरे पर रगडा फिर घिसा ,फिर रगड़ रगड़ कर पानी से धोया ,उसके बाद तोलिये से रगड़ कर साफ़ कर लिया ,है ना ?

दोस्तों ये आपका चेहरा है कोई दीवार नहीं ,जिसे साबुन और हथेली से, रेगमाल की तरह घिसने बैठ गए !

ये तो आप जानते ही होंगे की हमारे शरीर की चमड़ी की मोटाई और नजाकत सब जगह एक सी नहीं है ! हमारे पैर के तलवों की चमड़ी सबसे ज्यादा मोटी  और सख्त है तो वहीँ हमारे पलकों की skin सबसे पतली और नाजुक !
हम जितनी रगड़ से अपने तलवे साफ़ करते हैं उतनी ताकत से अपना चेहरा नहीं साफ़ कर सकते ,है ना ?

और एक बात दोस्तों ,हमारी skin में रबड़ की तरह elasticity होती है इसीलिए बार बार और लगातार चेहरे को हाथ के ज्यादा दवाब से धोने से उसमे समय से पहले ढीलापन आ जाता है और फिर शुरुवात होती है चेहरे पर झुर्रियों(wrinkles) की 
इसलिए चेहरा धोइये पर जरा नजाकत से ....

  • अपना नेपकिन और towel अलग और साफ़ रखिये !
  • अपने local चिकित्सक की सलाह से किसी अच्छे facepack, blood -purifier medicine को लेना शुरू कीजिये !
  • वैसे दूध में हल्दी लेना ,चिरोंजी ,नीम की पत्ती और बीज (निम्बोली गिरी ) का सेवन भी रक्त शुद्ध करने में सहायक है !
  • मुल्तानी मिटटी और नीम चन्दन का facepack  भी  कारगर है 
  • दिन में कई बार  थोडा थोडा पानी पीते रहिये !
आयुर्वेद में कई और प्रभावी medicines है जो आप अपने स्थानीय doctor की सलाह से ले सकते है !

और अंत में दोस्तों , pimple वो दानव है जितना आप इसकी tension करेंगे , उतना ही ये बढ़ता जाएगा ! इसलिए precaution लीजिये ,खान-पान सुधारिए ,विचार सुधारिए ,hygiene से रहिये !

और pimple को pimple ही रहने दीजिये .........आपके वजूद पर लगा अनचाहा ,छोटा सा ,थोड़े समय के लिए लगा कोई विजातीय पदार्थ (foreign body ),ना कि आपका पूरा वजूद ! है ना ?


दोस्तों ,ये article आपको कैसा लगा ,आपके लिए useful रहा या नहीं ,बताईएगा जरूर ,ठीक है .........


डॉ नीरज यादव 
MD (आयुर्वेद )


                         ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

रविवार, 16 जून 2013

ये मुहाँसे ....



                                 ये मुहाँसे ....


(दोस्तों इस article में मेरी कोशिश है की बजाये मुहांसों के लिए 2-4 temporary face-pack या लेप बताने की जगह हम उन कारणों पर बात करें जिनसे मुहांसे होते हैं और अगर हम उन कारणों को ही दूर कर लेंगे तो कार्य (मुहांसे ) भी अपने आप ही दूर हो जाएंगे , तो आइये ........)

मुहाँसे ,acne,pimple,युवान-पीडिका ,मुख-दूषिका बहुत सारे नाम हैं  मुहाँसों के !

युवाओं में ,teenagers में ज्यादा होने के कारण युवान पीडिका ,मुख (face ) पर होने और उसे खराब करने के कारण मुख-दूषिका भी कहते हैं !

चाँद जैसे सुन्दर चेहरे पर मुहांसे दाग की तरह होते हैं जो चेहरे की सुन्दरता को कम कर देते हैं !

दूसरा ये अधिकतर teenagers में होते हैं ,ये वो उम्र  होती है जब teens अपने look के प्रति बहुत conscious होते हैं ! चेहरे पर एक जरा सी फुंसी या दाग या  मुंहासा उनकी रातों की नींद और दिन का चैन हराम कर देता है !

पूछ कर देखिये किसी ऐसे teen से जिसका face मुहांसों से भरा हो ! उसकी सारी  दुनिया ही उन pimples के आस-पास आकर सिमट जाती है ,फिर न खाने में  मन लगता है न पढने में दीदा और दोस्तों से मिलने में भी शर्म आती है ! और अगर दोस्त opposite sex का हो तो फिर तो शर्म के मारे डूब जाने को जी चाहता है ,है ना ?

फिर एसे में तरह तरह के जतन किये जाते हैं ! आपका चेहरा ,फिर चेहरा कम laboratory ज्यादा हो जाता है  तरह-तरह के लेप लगाये जाते हैं तरह-तरह के facewash अपनाये जाते हैं , tubes लगाई जाती हैं ! मन्नत भी मांगी जाती है ! हर आदमी की छोटी से छोटी सलाह भी पूरी शिद्दत  से अपनाई जाती है !

लेकिन इतना सब करने के बाद भी आपका pimple या pimples बजाय कम होने के देश के भ्रष्टाचार की तरह और बढ़ता जाता है ! आप फिर मानसिक रूप  से और त्रस्त ,tension में आ जाते हैं ! और ऐसे में ही कुछ teens shy हो जाते हैं ,introvert हो जाते हैं ,दूसरों से मिलने से कतराते हैं ,है ना ?

एक छोटा सा मुहांसा या चेहरे की फुंसी उनके पूरे व्यक्तित्व पर हावी हो जाता है , उनके वजूद को हिला देता हैहै ना ?

अगर आप teenager हैं, इस problem से ग्रस्त हैं और इसे जड़ से ही  सही करना चाहते हैं तो आगे की बात ध्यान से पढ़िए और अमल भी कीजिये ,ठीक है !

अब as a doctor आयुर्वेद की भाषा में यदि मैं कहूँ तो मुहांसे कफ धातु और रक्त धातु की खराबी से होते है ! हमारी skin में असंख्य छिद्र होते हैं जिनसे होकर पसीने के रूप में शरीर की गन्दगी बाहर निकलती है ! हमारे शरीर से गन्दगी को बाहर निकालने के मुख्य मार्ग ,या जिस रूप में शरीर से गन्दगी बाहर निकलती है ,वो हैं --मल,मूत्र ,श्वास और स्वेद यानी पसीना !

जब तक हमारे शरीर का Excretory system यानी उत्सर्जन तंत्र सही तरीके से काम करता रहता है ( समय से motion आना ,urine आना ,पसीना आना )   तब तक हम स्वस्थ रहते हैं ,हमारी skin glow करती है !
लेकिन जब किसी कारणवश (वो में आगे बताने वाला हूँ ) उत्सर्जन तंत्र में अवरोध आ जाता है ,समय से motion नहीं आता ,कब्ज रहती है ,face साफ़ नहीं रहता तो शरीर की दोष रुपी गन्दगी बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता ढूंढ़ती है और यहीं से रोग  की  शुरुवात होती है !
जब त्वचा के रोमछिद्रों से निकलने वाले दोष किसी कारणवश नहीं निकल पाते ,उसी जगह रुक जाते हैं ,तो उन दोषों का ढेर ही फिर रोग का ( यहाँ पर pimpals का ) कारण बनता है !

जिस प्रकार किसी नदी के सहज बहाव को अगर रोक दें या संकीर्ण कर दें तो पानी इधर -उधर से निकलना शुरू कर देता है निकलने के नए रास्ते बना लेता है उसी तरह शरीर के प्राकृतिक natural उत्सर्जन तंत्र के रस्ते अगर अवरुद्ध हो जाते हैं  तो शरीर के दोष भी दूसरे रस्ते से बाहर निकलने लगते हैं ! और यही बीमारियों के शुरुवात का कारण होता है !

अब ये तो हमने जान लिया कि pimpals कई कारणों से होते हैं , as ..

कफ और रक्त धातु की दुष्टि (खराबी) से
उत्सर्जन तंत्र की खराबी से ......

अब ,लेकिन ये कफ और रक्त धातु  दुष्ट (खराब) क्यों होते हैं उत्सर्जन तंत्र में खराबी क्यों आती है आइये ये भी जानते हैं ...........

pimples होने के मूल कारण ...........


दोस्तों ,आज बस इतना ही ,लेख थोडा लम्बा है ,इसीलिए pimpals की बाकी बातें अगले article में ........

डॉ नीरज यादव



                   ------------------------------------------------------------------------------







गुरुवार, 13 जून 2013

If sex can then why not donate blood in hindi



           अगर sex कर सकते हैं तो रक्तदान क्यों नहीं ?

दोस्तों,

दुनिया में कई तरह के दान दिए जाते हैं लेकिन जो महत्ता और कीमत रक्तदान की है वो और किसी दान की नहीं है ! आपने रक्तदान के ऊपर कई लेख पढ़े होंगे ,उनसे motivate भी हुए होंगे ! लेकिन फिर भी कुछ है जो हमें इस परोपकार के कार्य को करने से रोकता है ! आज में कोशिश करूँगा की उसी बात पर हम चर्चा करें ! 

दोस्तों 14 जून --विश्व रक्तदान दिवस है !

रक्त यानी जीवन का आधार ! रक्त वो पदार्थ है जो अभी तक किसी भी प्रयोगशाला में नहीं बन पाया है ,देश और दुनिया में असंख्य लोग समय से  खून नहीं मिलने के कारण असमय काल कलवित हो जाते हैं !

किसी इंसान को खून की जरुरत कब पड़ती है ---

  • किसी आकस्मिक दुर्घटना में बहुत खून बह जाने पर 
  • किसी opration के समय 
  • महिला की delivery के समय जरुरत होने पर 
  • थेलेसिमिया से पीड़ित बच्चों को 
  • bleeding piles या mensus के समय अत्यधिक रक्तस्राव होने पर 
  • शरीर में खून की कमी होने पर 
एसे और भी कई कारण हैं जिनमे शरीर को तत्काल रक्त की जरुरत पड़ती है !

चलिए अब थोड़ी सी जानकारी और फायदे ,रक्तदान के बारे मे ---
  • रक्तदान (male,female ) दोनों कर सकते हैं !
  • रक्तदान adult व्यक्ति का ही लिया जाता है !
  • एक बार में आपका केवल 350-390ml blood ही लिया जाता है !
  • आप साल में 2,3 बार रक्तदान कर सकते हैं !
  • आपका एक यूनिट रक्तदान 3 जिंदगियां बचा सकता है !
  • रक्तदान करने से रक्तजनित बिमारियों से बहुत हद तक बचा जा सकता है !
  • रक्तदान हृदय रोग की सम्भावना को भी कम करता है !
  • आयुर्वेद के अनुसार रक्तदान दूषित रक्त धातु को शुद्ध करता है !
  • आपके मन,आत्मा को एक गहन शांति और तसल्ली का अनुभव होता है !
दोस्तों मैं पिछले 11-12 साल से स्वेच्छिक रक्तदान करता हूँ ! साल में 2 बार (जून और दिसम्बर में ) करता हूँ ! और सच मानिए बड़ा अच्छा लगता है की चलिए हम किसी इंसान का जीवन बचाने का माध्यम तो बने !

दोस्तों रक्तदान के और भी कई फायदे हैं जिन्हें लिखने पर लेख और लम्बा हो जाएगा ,इसलिए अब सबसे बड़ा सवाल कि ऊपर के सारे फायदे जानने के बाद भी वो क्या कारण है की लोग रक्तदान नहीं करते ?

दोस्तों, वो कारण है --- डर 

डर सुई लगने का नहीं क्योंकि सुई तो जिंदगी में हमें कई बार लगती है ! है ना 

वो डर है कमजोरी का डर, घबराहट का डर !
लोग कहते हैं की खून दे तो दें पर सुना है की उसके बाद कमजोरी आती है ,शरीर कमजोर हो जाता है ,चक्कर आते हैं ,इसीलिए हम चाह कर भी खून नहीं देते हैं ,सही है ना ?

दोस्तों आज मैं एक बात कहना चाहता हूँ ,वो यह कि ---

अगर आप sex कर सकते हैं तो रक्तदान भी कर सकते हैं !
आपको ये लाइन अजीब लगी होगी कि रक्तदान के artical में ये sex की क्या बात !

रक्तदान अधिकतर adult व्यक्ति (20-60 साल ) ही करता है और यदि कोई व्यस्क sex कर सकता है तो स्वेच्छिक  रक्तदान भी कर सकता है !
थोडा विस्तार में बताता हूँ ,sex के तुरंत बाद (after Ejaculation) हर व्यक्ति को थोड़ी कमजोरी का अहसास होता है ,क्योंकि शरीर से semen के रूप में प्रोटीन आदि कई पदार्थ बाहर निकलते हैं ,आदमी थोड़ी देर के लिए थोडा निढाल सा हो जाता है ,थोड़ी थकान सी महसूस करता है ,लेकिन इस कमजोरी ,थकान (क्षणिक ) के बाबजूद वो sex करना नहीं छोड़ता !

दोस्तों जितनी कमजोरी sex के बाद आती है उससे कहीं कम ही कमजोरी रक्तदान  के बाद आती है ! और दोनों क्रियाओं (sex और रक्तदान  ) के बाद आप दूध ,juice आदि पीकर अपने को पुनः energetic कर लेते हैं !

sex जहाँ आपके शरीर को तृप्ति देता है वहीँ रक्तदान  आपकी आत्मा को तृप्ति का अहसास कराता है !
sex के उपरान्त आपको जहाँ थोड़ी ग्लानी का अनुभव (सम्भोग-वैराग्य ) होता है  वहीँ रक्तदान  के बाद आपको एक असीम ख़ुशी और तसल्ली का अनुभव होता है !

तो दोस्तों अगर sex कर सकते हैं तो रक्तदान  भी कर ही सकते हैं ! रक्तदान  कर के तो देखिये ,अच्छा लगता है .........


डॉ नीरज .

एक निवेदन --दोस्तों ये मेरा एक छोटा सा प्रयास है रक्तदान जैसे पुनीत कार्य के बारे में फेली भ्रांतियों को दूर करने का ,इसे उसी परिपेक्ष्य में पढ़ा जाए !



            ------------------------------------------------------------------------------------------------------



शनिवार, 8 जून 2013

life management artical in hindi




                            जीवन की गाडी ....



दोस्तों ,
जाहिर है आप कार या bike भी चलाते ही होंगे ?है ना 
कैसे चलाते हैं ? सीधा पैर accelerator पर और उल्टा पैर brake और clutch के पास ,है ना ? Most of the time आपका सीधा पैर accelerator को दबाता है  और कभी कभी सामने कोई अवरोध आने पर उल्टा पैर brake का use करता है ,बाकी  समय नहीं !

जरा अब कल्पना कीजिये ,आपका सीधा पैर लगातार accelerator पर है लेकिन उल्टा पैर भी brake पर है और बार बार brake को दबाये जा रहा है !
अब बताइये क्या आपका सफ़र आसान, सहज और सुरक्षित होगा ? नहीं होगा दोस्तों ! speed के साथ साथ बार बार brake लगाने पर इंजन बेबजह गर्म हो जाएगा ,उसकी capacity कम हो जाएगी ,गाडी smoothly और speed से नहीं चल पाएगी ,और समय से पहले ही वो (आपकी गाडी ) खराब (खटारा ) भी हो जाएगी !  है ना ?

तो समझदारी इसी में ही है कि हम हमारी गाडी पूरे ध्यान से ,सहजता से चलायें , accelerator से speed  maintain रखें  और जब ,जहाँ  जरुरी है तब ही brake का use  करें ,बाकी समय नहीं !

तो जरा सोचिये दोस्तों ,ये समझदारी हम हमारे जीवन की गाडी को चलाने में क्यों नहीं दिखाते हैं ??

हमारा जीवन भी एक गाडी चलने के सामान ही है ! accelerator है --हमारे कार्य ,हमारे कर्म    और brake हैं --रोजमर्रा की चिंताएं ,तनाव,डर,आलस,लापरवाही ,पूर्वाग्रह  इत्यादि !

हम हमारे कर्म रूपी accelerator को दबाने के साथ साथ चिंता,डर,तनाव रूपी brake भी बराबर से लगाये जाते हैं ! जिसकी वजह से 10  मिनट में सहजता से पूरा होने वाला कर्म 10 घंटे में भी अच्छे से पूरा नहीं हो पाता !  डर,तनाव,आलस का brake उसे समय से और अच्छे से पूरा नहीं होने देता !
गाडी यानी हमारा शरीर और मन बेबजह गर्म (खराब)और tension में हो जाता है ,खराब (बीमार ) हो जाता है !

जब हम जानते हैं की brake लगा लगा कर गाडी चलाना गाडी को खराब करना है तो फिर यही गलती ,बेबकूफी या नादानी हम हमारे जीवन की गाडी को चलाने में क्यों करते हैं ?

और एक खास बात दोस्तों , गलत तरीके से चलाई हुई गाडी फिर भी मेकेनिक ठीक कर सकता है या हम दूसरी नई खरीद सकते हैं ! पर हमारी  शरीर रूपी जीवन की गाडी अनमोल है ये एक बार ख़राब हो जाये तो फिर पूरी तरह से सही भी नहीं होती और इसे नई खरीदने का तो सवाल ही नहीं है !

और दोस्तों बार बार brake लगाने से brake जल्दी गर्म हो जाते हैं ,खराब हो जाते हैं ! उसी तरह काम करने से ज्यादा उसकी चिंता ,तनाव ,  ज्यादा सोच विचार करने से हमारे मन मस्तिक्ष के नाजुक तंतु भी गर्म हो जाते हैं ,थक जाते हैं और बिना कुछ काम किये ही हमारा मन थका थका निढाल सा हो जाता है ! चिंता ,तनाव रूपी दीमक हमारे कर्म रूपी लकड़ी को खा जाता है !

तो चिंता ,तनाव रूपी brake से पैर हटाइये ! कर्म रूपी accelerator पर द्रद्ता से पैर जमाइए ! और बढाइये अपने जीवन की गाडी अपने लक्ष्य की तरफ .....

डॉ नीरज .....


                        ---------------------------------------------------------------------------------------------------




रविवार, 2 जून 2013

it's time for review ...in hindi




                               जरा एक मिनट .......


दोस्तों,

कैसे हैं ? व्यस्त हैं ? समय के प्रवाह में प्रवाहमान हैं ? रोजमर्रा के छोटे छोटे कामों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में लगे हैं ? भागम-भाग ,दौड़-भाग ,कुछ सोचने का भी समय नहीं है ?

जरा एक मिनट ....रुकिए , तन से ही नहीं मन से भी .........शांत ,स्थिर ,सहज ......... ठीक है .........

चलिए अब थोड़ी सी चर्चा आपस की ....

दोस्तों ..
जब ये साल शुरू हुआ था  तब हमने हमारे इस साल के लिए कुछ लक्ष्य बनाये थे ,बनाये थे ना ? की जिन्हें इस साल में हमें   हर हाल में पाना है !
हो सकता है उन लक्ष्यों की list में से कुछ पूरे होने वाले हों (बधाई )     कुछ की तरफ हमारे कदम थोड़े बड़े हों ! और कुछ लक्ष्य हमारे आलस,लापरवाही और कल पर टालने की आदत की वजह से हमारी आँखों से दूर ही हो गए हों ,हम उन्हें शायद भूल भी गए हों !

हम हमारे रोजमर्रा के छोटे छोटे कामों को करने के दवाब में इतने व्यस्त हो गए हों की उस लक्ष्यों की list को भी पढने का समय ही नहीं मिला हो ,बहुत समय से .है ना ?

दोस्तों,
रोजमर्रा के काम तो रोज ही लगे रहते हैं ,और होते भी हैं ,लेकिन हमारा बहुमूल्य समय इन्हें ही पूरा करने में जाया हो जाता है ! फिर हमारे उन लक्ष्यों ,उन सपनो का क्या जो हमने इस साल में पूरा करने के लिए निर्धारित किये थे !
वो कब करेंगे ?
साल 2013 लगभग आधा जा चुका है ,लेकिन अभी भी आधा बाकी है !
अब भी अगर चाहें तो पा सकते हैं ,है ना ?

दोस्तों मैं ये artical इसलिए लिख रहा हूँ कि आपकी  तरह मैंने भी अपनी list बनाई थी ! कुछ लक्ष्यों पर काम हुआ और कुछ अभी भी शुरू होने के इन्तजार में हैं ! कल मैंने अपनी list देखी बड़े दिन बाद ! एकदम से झटका लगा की अरे आधा साल निकल गया और कुछ काम तो अभी भी शुरू नहीं हुए !
जैसे कोई किसी ऊँघते हुए व्यक्ति को झकझोर दे ,नींद से उठा दे ,की उठ जा भाई ,अब भी आधी रात बाकी है !

वो किसी शायर का शेर है ........

आधी से ज्यादा शबे गम काट चुका हूँ ,
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है !

कुछ इसी अंदाज में कहूँगा .....

आधे से ज्यादा ये   साल बिगाड़ चुका हूँ !
अब भी अगर संभल जाऊं तो ये साल बहुत है !

हम भी इस साल (2013 )के सफ़र के midway पर हैं ! थोडा break लें ,refreshment लें ,energetic हों और चल पड़ें अपने बचे हुए लक्ष्यों को पाने ......

डॉ नीरज ......

           --------------------------------------------------------------------------------------------