may14

गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

swami vivekananda quotes in hindi



स्वामी विवेकानंद :युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत्र 

दोस्तों , आज जब कोई युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु परिश्रम करता है ,मेहनत करता है और यदि वो असफल हो जाता है ,  तो उसका मन टूट जाता है ! हताशा का अन्धकार उसको घेर लेता है , फिर व्यक्ति या तो आत्महत्या जैसा नकारात्मक निर्णय लेता है या फिर समझोतावादी बन जाता है !   जिंदगी से निराश हो जाता है ,  उसका अपने स्वयं पर से विश्वास उठने लगता है ,है ना ?
ऐसे हताश और निराश युवाओं के लिए स्वामी जी अपने ओजस्वी स्वर मे उनको आशा के प्रकाश की किरण दिखाते हैं ,  वे कहते हैं ---------

  • असफलता तो जीवन का सोंदर्य है ! यदि तुम हजार बार भी असफल हो  तो एक बार फिर सफल होने का प्रयत्न करो !   जीवन में घोर निराशा के अन्धकार  मे भी आशा की एक छोटी सी किरण के साथ अपने जीवन संग्राम मे   डट कर संघर्ष करो !

  • उनका ही जीवन सोंदर्यमय है ,  जिनके जीवन मे निरंतर संघर्ष है !  मानव जीवन का संग्राम एक ऐसा युद्ध है जिसे हथियार से नहीं जीता जा सकता ! वह तो मनुष्य के भीतर छुपी शक्ति को प्रकट कर के ही जीता जा सकता है !

  • यह ध्रुव सत्य है की शक्ति ही जीवन है ,  और दुर्बलता ही मृत्यु है !   दुर्बलता ही शारीरिक और मानसिक रूप से निरंतर तनाव का कारण है ! इसलिए मै कहता हूँ की दुर्बलों और कायरों की आवश्यकता नहीं है !  मुझे चाहिये ऐसे नवयुवक ,जिनके स्नायु लोहे के बने हों  और मांसपेशियां फौलाद की बनी हों तथा जिनकी वृत्ति लोभ और स्वार्थ की सीमाओं के बाहर हों ! 

  • ध्यान रहे जब मनुष्य के भीतर शक्ति का संचार होता है ,तो वह अपनी सभी असफलताओं को सफलता मे परिवर्तित कर लेता है !

  • आज मे तुम्हें भी अपने जीवन का मूल मंत्र बताता हूँ ,वह यह है की ----
प्रयत्न करते रहो , जब तुम्हें अपने चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार दिखता हो ,तब भी मै कहता हूँ की प्रयत्न करते रहो !  किसी भी परिस्थिति मे तुम हारो मत ,  बस प्रयत्न करते रहो !   तुम्हें तुम्हारा लक्ष्य जरूर मिलेगा ,  इसमें जरा भी संदेह नहीं !

  • उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत"      हे युवाओं ,उठो ! जागो ! लक्ष्य प्राप्ति तक रुको नहीं