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शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

आ से आंवला ,आ से आरोग्य







                     आ से आंवला ,आ से आरोग्य 

हमारे देश में बहुतायत से मिलने वाला फल ,जिसे धात्रीफल ,अमृत फल भी कहते हैं !  अमृत  जिसके सेवन से देवता अमर और चिरयुवा हो गए !  और इस अमृत फल के सेवन से वृद्ध च्यवन ऋषि पुनः युवा हो गए थे ! आयुर्वेद के अनुसार ये त्रिदोषनाशक है ! इसके गुण इसके अमृत फल नाम को सार्थक करते हैं !


  • वय स्थापक (शरीर को युवा रखने वाले ) द्रव्यों में यह सर्वश्रेष्ठ है !  यह शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है ! आंवले में नारंगी से 20 गुना अधिक vitamin c होता है !  यह एक बेहतर antioxident है जो शरीर  को युवा और स्वस्थ रखता है !


  • आंवला एक उत्तम रक्तशोधक है !     खून में जमा हुए विजातीय तत्वों को दूर करता है !  इसलिए   रक्तविकार (फोड़े-फुंसी )  नाशक है !


  •  यह  एक श्रेष्ठ रसायन है ,जो शरीर  की कोशिकाओं को लम्बे समय तक स्वस्थ और युवा रखता है !  इसका सेवन बालों एवं आँखों  के लिए लाभकारी है !

  • शारीर में महसूस होने वाली झूठी गर्मी ,दाह (acidity ),और पुरुषों में वीर्य की गर्मी को दूर करता है !

  • इसके रस को मिश्री के साथ लेने से गुर्दों में जमा मल  दूर होता है !


  • शरीर में होने वाली थकान ,विबंध (constipation),यकृत विकार ,महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव ,प्रदर ,गर्भाशय की दुर्बलता और पुरुषों में प्रमेह और शुक्रमेह को दूर करता है !  पोरुष को बढाता  है !


  • आंवला सुप्रसिद्ध योग च्यवनप्राश और त्रिफला का मुख्य घटक है !


  • चूर्ण,मुरब्बा ,केन्डी ,आमलकी रसायन ,स्वरस(मिश्री या शहद मिला कर ) ,च्यवनप्राश किसी भी रूप में इसका सेवन किया जा सकता है !

तो आइये इन सर्दियों में आंवला खाएं ,आरोग्य पाएं !
                         
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डॉ नीरज यादव ,
M .D .(Ayurved)

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