may14

बुधवार, 11 दिसंबर 2013

health article in hindi




आपने अपना saving account खुलवाया क्या ?



दोस्तों,

Title से लग रहा होगा कि आज हम bank से जुडी acchibaatein करेंगे ! जी हाँ ,achhibatein तो करेंगे पर bank  से नहीं, शरीर से related . 

जिस प्रकार bank में हम 2 तरह के ac. खुलवाते हैं , एक current ac. और दूसरा saving ac.  या FD ,RD ,PPF ,etc. 
जिसमे current ac. हमारे रोजमर्रा के खर्चे के काम आता है ,वहीँ saving ac. का पैसा हमारी बड़ी जरूरतों , आपातकाल के समय (शादी ,पार्टी ,foreign trip ,बिमारी आदि )काम आता है !
इसी प्रकार हमारा शरीर भी एक बैंक कि तरह ही है ! जिसमे current ac. है हमारा रोज का खानपान
 
दोस्तों, हमें रोज लगभग 2000 कैलोरी की  आवश्यकता होती है  जो हमारे रोज के खानपान से हमें मिलती है और हमारे daily routine ,like  घूमना ,दौड़ना ,चलना ,सोचना, body system work आदि में खर्च भी हो जाती है !

हम लोग अमूमन खाने में खाते क्या हैं ? 3-4 चपाती ,थोड़ी सी दाल ,सब्जी  ! और फल, सलाद,दूध , juice यदा-कदा ,बाकी नमकीन ,पिज्जा ,कचौरी ,समोसा ,चाट ,पानीपुरी तो अलग है ही ,है ना ?

फिर ऐसे में होता यह है कि जब भी मौसम बदलता है या कोई और कारण , तो हम तुरंत बिमार हो जाते हैं ,सर्दी-जुखाम हो जाता है ! क्योंकि हमारी immunity उतनी नहीं  होती है ,जितनी होनी चाहिए ! और हो भी कैसे क्योंकि हम जो खाना रोज खाते हैं उसकी ऊर्जा तो रोजमर्रा के कार्य में ही खर्च हो जाती है ! बिमारी से लड़ने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा (immunity) शरीर में रहती नहीं है ! 
हम स्वाद के लिए कितना खाते हैं और सेहत के लिए कितना ,यह तो हम जानते ही हैं !

हमारी immunity बढ़ती है हमारे healthy खान-पान और रहन सहन से ! जिसकी immunity जितनी ज्यादा यानि उसका saving ac. उतना ज्यादा और वो इंसान उतना ही स्वस्थ और healthy 

आयुर्वेद कि भाषा में अगर कहूं तो ---

हम जो खाना रोज खाते हैं उसका पाचन होकर शरीर में रस धातु बनती है !  रस से फिर रक्त धातु ,इसी तरह  उत्तरोत्तर वीर्य (in males ) और रज धातु ( in females ) बनती है ! फिर वीर्य/रज का सार भाग (Abstract) ओज बनता है ! और जिसका ओज जितना ज्यादा होगा वो उतना ही ओजस्वी (immune) होगा !


Food (आहार)----------->रस धातु(extract)  -------रक्त धातु(blood)------>माँस धातु(muscle)----->   मेद धातु(fat) ------->   अस्थि धातु(bone) ------->    मज्जा धातु(bone-marrow)   ------->   शुक्र/रज       धातु(semen) ------ओज (immunity)


जाहिर है हमारा आहार जितना healthy और षडरस युक्त होगा हमारा ओज भी उतना ही अच्छा होगा !
दोस्तों यहाँ मैं ज्यादा खाने की बात बिलकुल नहीं कर रहा हूँ ,मैं healthy और immunity ,energy बढ़ाने वाले खाने की बात कर रहा हूँ !

साधारण शब्दों में अगर कहूं तो ,जिस प्रकार ---

गाय का चारा ------> दूध -----> दही ----> मक्खन -----> घी 

गाय को हम जितना अच्छा चारा खिलाएंगे उतना ही अच्छा और ज्यादा घी हमें मिलेगा ! सूखी घास खिलाकर हम ज्यादा घी कि उम्मीद नहीं कर सकते ! उसी प्रकार पिज्जा ,बर्गर ,चाउमीन ,junk/fast food खाकर हम अच्छे ओज और immunity कि भी उम्मीद नहीं कर सकते !

पहले के समय सर्दियाँ आते ही हर घर में उरद ,गोंद के लड्डू ,गाजर का बादाम का हलवा , अलसी की  पिन्नी ,खसखस का हलवा ,तिल के लड्डू ,केसर का दूध ,आमले का मुरब्बा  आदि सेहत से भरे व्यंजन बनते थे ! घर का हर सदस्य उनको खाता  था ! और हाँ ,शारीरिक मेहनत भी उसी अनुपात में करता था ! और पूरे साल सेहतमंद, तंदरुस्त रहता था !
आज विडम्बना है कि पहले तो हम ये चीजें खाते ही नहीं हैं और खाते भी है तो बाजार कि बनी ! और अगर खा भी लेते हैं तो पचा नहीं पाते !
ये सारी  चीजें गरिष्ठ हैं जिनको पचाने के लिए अच्छी जठराग्नि की जरुरत होती है ! बिना पूरी तरह पचे ये चीजें फायदे कि जगह नुक्सान भी कर सकती हैं !
उम्र बढ़ने के साथ शरीर कि क्रियाओं का भी ह्रास होने लगता है ! immunity कम होने लगती है ! खाना भी कम खाने में आता है ,नींद नहीं आती ,घुटने दुखने लगते हैं ,शरीर जल्दी थकने लगता है !

ऐसे समय ही फिर हमारा ये saving ac. काम आता है ! और ये तो आप जानते ही हैं कि bank से withdrawal करने से पहले bank में deposit करना पड़ता है ! खाता खोलना पड़ता है ! 
क्या आपने अभी तक saving ac. नहीं खोला ? कोई बात नहीं अब खोल लीजिये ! जितना अभी इसमें सेहत deposit करेंगे ,बाद में उतनी ही सेहत ब्याज सहित वापस मिलेगी ! ऐसे अनेक ex. हमारे आस-पास हैं जिन्होंने उम्र के 90 साल पार कर लिए हैं पर उनकी energy और health 50 साल के व्यक्ति की तरह है ,बिलकुल fit और active  है ना ? ये उनके अच्छे saving ac. का ही कमाल है ! 

आइये हम भी अपना saving ac. खोलें ,पर कुछ बातें जो याद रखने लायक हैं ---

  • खाना कितना भी healthy और पोष्टिक हो पर अगर पूरी तरह नहीं पचता तो बेकार है !


  • सबसे पहले हमारी जठराग्नि (appetite) सही होनी चाहिए ! हम जो खाएं ,अच्छे से और समय से पच जाए !


  • इसके लिए जरुरी है कि हम थोड़ी सी physical exercise भी करें ,जिसमे --morning walk , पैदल चलना, दौड़ना ,आसन ,प्राणायाम ,खेलकूद,  games खेलना (मैदान में ,mobile या laptop पर नहीं ) आदि भी अपने डॉक्टर कि सलाह से शामिल करें !


  • अंकुरित अन्न ,सलाद, गाजर, मूली , आमला , अमरुद , apple ,पपीता ,अंगूर अनार जैसे फल ,अलसी ,सोयाबीन जैसे धान्य ,बादाम ,काजू , पिस्ता ,चिरोंजी ,अखरोट ,किशमिश आदि का सेवन ,दूध दही ,च्यवनप्राश ,आदि का सेवन 


  • week में 1-2 बार तिल या सरसों के तैल से पूरे शरीर की  मालिश (अभ्यंग)


  • सुबह की गुलाबी धूप का सेवन ,ईश्वर में आस्था ,शारीरिक परिश्रम , मानसिक relaxation ,अच्छी नींद ,शराब,सिगरेट ,तम्बाकू, cold drink ,डर ,तनाव  आदि से दूरी ,गहरी साँस लेने की  आदत जैसी acchibatein 


अगर हम इन सबको समय रहते अपने शरीर के saving ac. में deposit करेंगे तो यकीन मानिये ,जरुरत पड़ने पर हम बहुत सारी सेहत withdrawal कर सकते हैं ! चिर युवा और healthy रह सकते हैं ! 
तो शुभस्य शीघ्रम ……… 

डॉ नीरज यादव 

                                                         ----------------------------------------------------------------------------------