may14

शनिवार, 9 नवंबर 2013

Do Yoga, but carefully in hindi




योग करें ,पर सावधानी से…… 



दोस्तों,

"करें योग,रहे निरोग "   यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी !  आजकल योग universal या कहें सर्व सुलभ हो गया है ! जहाँ देखिये वहीँ आपको योग होता हुआ दिख जाएगा ! सुबह-शाम TV पर बाबाजी योग सिखाते मिल जाएंगे ! book stores पर योग related किताबों के ढेर मिल जाएंगे ! आपके शहर के पार्क में भी योग करते लोगों के दर्शन आपको सहज ही हो जाएंगे !

कहने का आशय ,आज योग बहुत ही सुलभ हो गया है ! हर दूसरा आदमी योगाचार्य या yog guru बन गया है ! और अपना ज्ञान (?) दूसरों को देने में लगा है ! है ना ?

हम भी वातावरण से प्रभावित होकर ,TV में देख कर या कोई book पढ़कर योग करना शुरू कर देते हैं ! लेकिन होता यह है कि कभी कभी योग से बजाय फायदा होने के ,शरीर को नुक्सान भी हो सकता है ! योग अगर सही तरीके से किया जाए तो body के     लिए beneficial है अन्यथा गलत तरीके से किया गया योग शरीर को हानि भी पहुँचा सकता है !

आज कुछ सावधानियों की बातें ,योग शुरू करने से पहले………… 

योग में सावधानियों से पहले in short योग कि बात ,ठीक है ना ?
मैं ज्यादा विस्तार से इस बारे में बात नहीं करूँगा क्योंकि आप इस बारे में पढ़ चुके होंगे !

महर्षि पातञ्जलि ने अष्टांग योग का वर्णन किया है ,वे हैं --
1 यम  2 नियम 3 आसन  4 प्राणायाम  5 प्रत्याहार   6 धारणा  7 ध्यान  और 8 समाधि 

लेकिन आजकल हम सिर्फ आसन और प्राणायाम को ही योग समझ बेठे हैं !
योग केवल शरीर को ही साधने का विज्ञान नहीं है किसी नट कि तरह ! अपितु योग शरीर के साथ मन और अंतर्रात्मा को भी साधने कि कला है !
जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने कि सीढ़ी है अष्टांग योग ! लेकिन ये बहुत गूढ़ विषय है ,जिस पर चर्चा फिर कभी !

आसन क्या हैं ?
"स्थिरसुखमासनम् " शरीर कि विभिन्न मुद्रायें जो अंग विशेष पर दवाव डालती हैं ,वो आसन कहलाती हैं !
वैसे तो 84 आसनो का वर्णन ज्यादा मिलता है और उनमे भी 32 आसन ही प्रमुख और ज्यादा जरुरी हैं ,शरीर सौष्ठव और स्वास्थ्य के लिए ,जिनकी चर्चा आगामी articles में !

प्राणायाम क्या है ?
प्राण+आयाम 
प्राण है जीवनीय  शक्ति  और आयाम है उसका नियमन ! जीवनीय शक्ति के नियमन को ही प्राणायाम कहा है !
जीवनीय शक्ति का  नियमन होता है श्वास-प्रश्वास inhale and exhale के द्वारा ! आम भाषा में कहें तो सही तरीके से सांस लेने और छोड़ने कि क्रिया ही प्राणायाम है !
अब वापस मुद्दे पर आते हैं !

योग शुरू करने से पहले सावधानियां ---

  • अगर आप जिंदगी में पहली बार योग करना शुरू कर रहे हैं तो धीरे धीरे ,कम समय के लिए ,सरल आसनो के साथ शुरू कीजिये ! शरीर को तानना ,उसमे हल्का खिंचाव पैदा करना ,अपने को warmup करना ,इन क्रियाओं को करने के बाद ही योग शुरू कीजिये !

  • शुरुआत सूक्ष्म व्यायामों से कीजिये !

  • योग करने से पहले अपनी capacity ,age ,शारीरिक अवस्था ,कोई बिमारी (high bp ,diabetes , heart problem , spondylitis ,slip disc ,obesity आदि ) का इतिहास ,आदि बातों का भी ध्यान रखिये !
होता  यह है कि TV पर बाबाजी या किसी trained yog guru को योग करते देख हम भी तुरंत दण्ड पैलने लग जाते हैं ! या सूर्य नमस्कार करना शुरू कर देते हैं ! है ना ?
फिर होता यह है कि हमारी किसी muscle में खिंचाव आ जाता है ! या टखने में मोच आ जाती है ,घुटने दुखने लगते हैं  और योग का अध्याय शुरू होने के पहले ही ख़तम हो जाता है !

  • योग में कभी भी अति न करें ! जबरदस्ती से किया गया योग आपकी सेहत को नुक्सान भी पहुंचा सकता है ! 
एक ऊंट और बकरी दोनों साथ साथ जा रहे थे ! रस्ते में नदी आयी ! ऊंट ने कहा ,पहले में जाता हूँ ,वो पानी में चल कर दूसरी पार निकल गया ! बकरी में चिल्ला कर पूछा ,-कितना पानी है ? ऊंट चिल्लाया ,आजाओ ,कमर तक ही है !
बकरी ने कहा भाई ,तुम्हारी तो कमर तक ही है ,लेकिन मैं तो पूरी ही डूब जाऊंगी ! मैं अपनी औकात और capacity क्यों भूलूँ ?

कहा भी है ---
देखा-देखी करे योग ,छीजे काया बढे रोग !

  • योग एक जीवन शेली है न कि कोई task जिसे fix time में पूरा करना है और काम ख़तम ! नहीं दोस्तों ,जैसे हम रोज श्वास लेते हैं ,रोज खाना खाते हैं ,रोज सोते हैं ! उसी तरह रोज थोडा सा योग भी हमारी life style का हिस्सा होना चाहिए !

  • योग हमेशा खाली पेट किया जाता है !

  • योग का सबसे अच्छा समय प्रातः काल होता है ,सुबह नित्य कर्म से निवृत होकर योग करना चाहिए !

  • योग करने के तुरंत बाद कुछ खाना नहीं चाहिए !

  • योग करते ही नहाने भी नहीं जाना चाहिए ! 

  • योग हमेशा साफ़ ,खुले और स्वच्छ वातावरण में करना चाहिए !

दोस्तों, आज इतना ही ,बाकी अगले article में ,  अपने comments का 'योग' artical के साथ जरुर बनाये रखिएगा ! 

to be continued....

डॉ नीरज यादव ,
MD (Ayurved )

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