may14

मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

जीवन में सफलता पाने के सूत्र ....






               जीवन में सफलता पाने के सूत्र ....


दोस्तों ,

जीवन में सफलता पानी है तो उसके लिए प्रबल संकल्प शक्ति और सतत अध्यवसाय एक अनिवार्य शर्त है !

हम हमारे हर  काम में स्वतः ही सफल होते चले जाएंगे ,कोई देवीय अनुकम्पा  किसी के आशीर्वाद से या कुछ तंत्र-मंत्र-कर्मकांड से हम पर बरसती चली जाएगी ,यह आशा करना तो शेखचिल्ली का सपना भर है !

सफलता के मोती यूँ ही धुल में बिखरे हुए नहीं पड़े हैं !  उन्हें पाने के लिए गहरे में उतरने की हिम्मत इकट्ठी करनी होगी , कठोर परिश्रम करने और सतत करते रहने की शपथ लेनी होगी !

कठोर ,दमतोड़ और टपकते स्वेद कणों वाला परिश्रम ही जीवन का सबसे श्रेष्ठ उपहार है ! इसी के फलस्वरूप इस भोतिक जीवन की समस्त सफलताओं -विभूतियों को पाया जा सकता है !

सुअवसर की प्रतीक्षा में बेठे रहना ,कुछ ना कर काहिली में उपलब्ध समय रुपी सम्पदा को गँवा बेठना तो मानव जीवन की सबसे बड़ी मूर्खता  है !

मेहनत के लिए हर घडी ,हर पल एक शुभ मुहूर्त है ,सुअवसर है !  सस्ती सफलता पाने की ललक के फेर में पड़े रहने से वस्तुतः कुछ भी लाभ नहीं है !   चिरस्थाई प्रगति के लिए  राजमार्ग पर अनवरत परिश्रम और अपराजेय साहस को साथ को साथ लेकर चलना  होगा !

पगडंडीयां या शोर्टकट ढूंढना बेकार है ,वे भटका सकती हैं !  इतिहास में जिन्होंने भी कुछ सफलता पाई है ,जिसे इतिहास में लिखा गया है ,उन्हें गहराई तक खोदने व उतरने के लिए कमर कसनी पड़ी है !

विजय श्री का वरण करने के लिए कमर कसना ,आस्तीन चढ़ाना और खोदने की प्रक्रिया आरम्भ कर देना आवश्यक है ,पर ध्यान ये भी रखा जाना चाहिये की अनावश्यक उतावली से कहीं कुदाली से पैर ही ना कट जाए !

परिस्थितियां ,साधन और क्षमता का समन्वय करके आगे बढ़ना ही समझदारी है ! यही सफलता के लिए अपनाई गई सही रीति -नीति है ! किन्तु यह तथ्य गाँठ बाँध लेना चाहिये की सफलता केवल समझदारी पर ही तो निर्भर नहीं है , उसका मूल्य माथे से टपकने वाले श्रम -सीकरों से ही चुकाना पड़ता है !


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दोस्तों , ये आर्टिकल पूज्य गुरुदेव के ज्ञान के सागर की कुछ बूंदें हैं !

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