may14

रविवार, 2 जून 2013

it's time for review ...in hindi




                               जरा एक मिनट .......


दोस्तों,

कैसे हैं ? व्यस्त हैं ? समय के प्रवाह में प्रवाहमान हैं ? रोजमर्रा के छोटे छोटे कामों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में लगे हैं ? भागम-भाग ,दौड़-भाग ,कुछ सोचने का भी समय नहीं है ?

जरा एक मिनट ....रुकिए , तन से ही नहीं मन से भी .........शांत ,स्थिर ,सहज ......... ठीक है .........

चलिए अब थोड़ी सी चर्चा आपस की ....

दोस्तों ..
जब ये साल शुरू हुआ था  तब हमने हमारे इस साल के लिए कुछ लक्ष्य बनाये थे ,बनाये थे ना ? की जिन्हें इस साल में हमें   हर हाल में पाना है !
हो सकता है उन लक्ष्यों की list में से कुछ पूरे होने वाले हों (बधाई )     कुछ की तरफ हमारे कदम थोड़े बड़े हों ! और कुछ लक्ष्य हमारे आलस,लापरवाही और कल पर टालने की आदत की वजह से हमारी आँखों से दूर ही हो गए हों ,हम उन्हें शायद भूल भी गए हों !

हम हमारे रोजमर्रा के छोटे छोटे कामों को करने के दवाब में इतने व्यस्त हो गए हों की उस लक्ष्यों की list को भी पढने का समय ही नहीं मिला हो ,बहुत समय से .है ना ?

दोस्तों,
रोजमर्रा के काम तो रोज ही लगे रहते हैं ,और होते भी हैं ,लेकिन हमारा बहुमूल्य समय इन्हें ही पूरा करने में जाया हो जाता है ! फिर हमारे उन लक्ष्यों ,उन सपनो का क्या जो हमने इस साल में पूरा करने के लिए निर्धारित किये थे !
वो कब करेंगे ?
साल 2013 लगभग आधा जा चुका है ,लेकिन अभी भी आधा बाकी है !
अब भी अगर चाहें तो पा सकते हैं ,है ना ?

दोस्तों मैं ये artical इसलिए लिख रहा हूँ कि आपकी  तरह मैंने भी अपनी list बनाई थी ! कुछ लक्ष्यों पर काम हुआ और कुछ अभी भी शुरू होने के इन्तजार में हैं ! कल मैंने अपनी list देखी बड़े दिन बाद ! एकदम से झटका लगा की अरे आधा साल निकल गया और कुछ काम तो अभी भी शुरू नहीं हुए !
जैसे कोई किसी ऊँघते हुए व्यक्ति को झकझोर दे ,नींद से उठा दे ,की उठ जा भाई ,अब भी आधी रात बाकी है !

वो किसी शायर का शेर है ........

आधी से ज्यादा शबे गम काट चुका हूँ ,
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है !

कुछ इसी अंदाज में कहूँगा .....

आधे से ज्यादा ये   साल बिगाड़ चुका हूँ !
अब भी अगर संभल जाऊं तो ये साल बहुत है !

हम भी इस साल (2013 )के सफ़र के midway पर हैं ! थोडा break लें ,refreshment लें ,energetic हों और चल पड़ें अपने बचे हुए लक्ष्यों को पाने ......

डॉ नीरज ......

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