दोस्तों प्रस्तुत artical ओशो की book --क्या मेरा क्या तेरा (कबीर वाणी ) से है !
ओशो के अनमोल वचन ---
- जो पछताएगा नहीं ,वह पहुंचेगा नहीं ! क्योंकि जो पछताएगा नहीं ,वह झुकेगा नहीं ! क्योंकि जो पछताएगा नहीं, वह समर्पित नहीं होगा !
- जो हो गया ,हो गया ! जो जा चुका ,जा चुका ! अब भविष्य की तरफ देखो !
- सुख का उपाय है --जो है उसका आनंद लो ! जो नहीं है ,उसकी चिंता न करो !
- दुःख का उपाय है --जो है ,उसकी तो फ़िक्र ही मत लो ! जो नहीं है ,उसकी चिंता करो !
- सुख का सूत्र है --जो तुम्हारे पास है ,उसके लिए परमात्मा को धन्यवाद दो ! जो है --वह पर्याप्त है !
- मिटाना जरुरी है --बनाने के लिए ! विध्वंस जरुरी है -- निर्माण के लिए !
- जब किसी आदमी को तुम निराश देखो ,तो यह मत समझना कि उसने आशा छोड़ दी है ! निराश होने का मतलब ही यही होता है की आशा अभी भी कायम है !
- लेकिन यह भी समझना जरुरी है कि मन की यह दशा कि इतना भी तय न कर पाए की पूछूँ कि न पूछूँ --शुभ नहीं है ! पूछना --तो पूछना ! नहीं पूछना --तो नहीं पूछना ! लेकिन मन की यह डांवाडोल स्थिति को सहारा नहीं देना चाहिए ! मन हर चीज में डांवाडोल होता है ,छोटी छोटी चीज में डांवाडोल होता है !
- जिंदगी को सरल करो ! और सरल करना हो ,तो मन के विकल्पों को बहुत सहारा मत दो ! और धीरे धीरे मन के विकल्प गिरते चले जाएं,तो निर्विकल्प की दशा करीब आएगी ! ये सब विकल्प हैं --ऐसा करूँ ,वैसा करूँ ! जो लगे करने जैसा ,कर लेना ! फिर उस पर और ज्यादा उहापोह मत करना !
- एक ही सूत्र में देना चाहता हूँ ---अगर किसी को हानि न होती हो ,तो उसे कर ही लो ! उसमे क्या विचार करना है ? शुभ करना हो ,तो तत्क्षण कर लो ! अशुभ करना हो ,तो कल पर टालो ! पाप को कल पर टालो ,पुण्य आज कर लो !
- कहीं से भी शुरू करो ! इस प्रश्न को बहुत मूल्य मत दो ! मूल्य दो शुरू करने को ! शुरू करो !
- अगर बच्चा चलने के पहले यही पूछे की कहाँ से शुरू करूँ ,कैसे शुरू करूँ ,कहीं गिर न जाऊं ,घुटने में चोट न आ जाए ,तो फिर बच्चा कभी चल नहीं पाएगा ! उसे तो शुरू करना पड़ता है ! सब खतरे मोल ले लेने पड़ते हैं !
- बच्चे को चलना पड़ेगा ! खतरा मोल लेना पड़ेगा ,अन्यथा लंगड़ा ही रह जाएगा ! और कई बार गिरेगा !
- लेकिन बच्चे हिम्मत करते हैं --तुतलाने की ! इसीलिए एक दिन बोल पाते हैं !
- जो आदमी जो करेगा स्वभावतः वैसा हो जाएगा !
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साभार --क्या मेरा क्या तेरा (कबीर वाणी ) पुस्तक से
सोजन्य --ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन
प्रकाशक--डायमंड पॉकेट बुक्स
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बहुत ही सार्थक सूत्र हैं.
जवाब देंहटाएंइस लाजबाब और बहुमूल्य साईट के लिए शुक्रिया......
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ओशोई-प्रणाम स्वीकार करें__/|\___
ॐ.....आज का विचार ...
जवाब देंहटाएंशरीर की शक्ति भोजन है , आत्मा की शक्ति अध्यात्म है ,
ॐ..........आई लव यू ओशो .......ज्ञान वही है , जिसका सदुपयोग हो , अन्यथा सभी परिचित हो जाते है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, share करने के लिए ।
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