कड़वी हकीकत...
दोस्तों,
महिला दिवस पर अभी शाम को न्यूज़ सुनी ,पाली (राजस्थान) में नाले में एक नवजात बच्ची का शव मिला ,और ये सिर्फ पाली नहीं बल्कि अधिकतर और बड़े कहलाने वाले आधुनिक शहरों में भी हो रहा है ,बहुत दुखद ! ये सही है कि हम महिला दिवस मना रहे हैं ,उनकी तारीफ़ भी कर रहे हैं ! कुछ महिलाओं ने वाकई इस समाज में अपना एक अहम् और प्रेरणादायक मुकाम बनाया है ,कुछ जगह हैं जहाँ बच्ची के जन्म पर ख़ुशी मनाई जाती है ,कुछ जगह हैं जहाँ बेटी गर्व का कारण होती है लेकिन ये संख्या न के बराबर ही है !
अभी भी इस समाज की कड़वी हकीकत कुछ और ही है ----
कड़वी हकीकत
हर तरफ मुर्दानगी वहाँ पर छाई थी ,
ये कैसी विपदा आफत वहाँ पर आई थी ,
दो बेटियों का पिता था बैठा सर को पकडे वहाँ
दादी अम्मा रो रही थी फूट फूट कर जहाँ ,
टूटा फूटा बुझा चिराग पड़ा था वहाँ पर ,
तीन दिन से खाना नहीं बना था जहाँ पर
उस घर की फिजा में कैसी मनहूसियत सी छाई थी
क्योंकि उनके घर पर फिर एक बेटी आई थी ,
हर तरफ मुर्दानगी वहाँ पर छाई थी ,
डॉ नीरज यादव
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कलयुग है. मैने सुना है कि राजस्थान में यह सबसे ज्यादा होता है.
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