3 तरह के इंसान
दोस्तों,
एक तालाब में 3 मछलियाँ रहती थीं ! एक बार कुछ मछुआरे वहां आये और आपस में बोले -- यहाँ पर बहुत सारी मछलियाँ दिखती हैं , हम कल यहाँ आकर जाल डालेंगे ! उनकी यह बात सुन कर पहली मछली बोली ,--अरे , हम यहीं ठीक हैं ,जरुरी नहीं के यह लोग कल आयें ही सही ! दूसरी बोली,-भलाई इसी में है कि हम आज रात को ही कहीं और चले जाएँ ! और वो तालाब से जुड़े दूसरे पोखर में चली गई ! तीसरी बोली कल जब ये लोग आयेंगे तभी परिस्थिति के अनुसार निर्णय ले लूंगी !
अगले दिन मछुआरे सच में ही आ गए ! जाल डाला गया ! पहली मछली पकड़ी गई ! तीसरी मछली ने तुरंत मरने का ढोंग किया ! मरा समझ कर मछुआरों ने उसे जाल से निकाल दिया और वो तुरंत उचक कर गहरे पानी में तैरती हुई दूर चली गई ! पहली वाली पकड़ी गई और भाग्य भरोसे रहने की अपनी आदत को कोसती रही ,बेचारी !
दोस्तों, वैसे तो संसार में अरबों मनुष्य हैं ,जिन्हें मूल रूप से हम इन मछलियों की तरह 3 categories में बाँट सकते हैं !
1. दूरदर्शी (prudent)-- वे जो आने वाले कल की सोच कर काम करते हैं ! बादल देख कर घड़े नहीं फोड़ते ! भविष्य की भी सोचते हैं ! ऐसे लोग सारा पैसा एकसाथ ही खर्च नहीं करते ,कल के लिए भी कुछ बचा कर रखते हैं ! FD,RD,PPF,NSE,BANK DEPOSIT आदि में अपने पैसे को invest करते हैं ! अपने ऐशआराम के लिए सारा पैसा खर्च नहीं करते !
एक समझदार गिलहरी की तरह भरी गर्मी में अपने बिल में अनाज इकठ्ठा करते हैं ताकि बारिश के प्रतिकूल दिनों में भूखे मरने की नोबत नहीं आये !
2. तुरंत निर्णय लेने वाले (Instant Decision Makers)-- वे व्यक्ति जो देश ,काल परिस्थिति ,के अनुसार तुरंत निर्णय लेते हैं ! सामने आते हुए तेज truck को देख अपने vehicle को तुरंत निर्णय लेकर दायें-बायें कर लेते हैं ,या अपनी तेज speed को कम कर अपने को safe कर लेते हैं !
3. भाग्य भरोसे रहने वाले (fatalist)--- वो जो सामने से आती हुई बिल्ली को देख कर भी कबूतर की तरह अपनी आँखें बंद कर लेते है , और सोचते हैं की अब बिल्ली मुझे नहीं देख रही ! बजाय उसके सामने से हटने के ,कर्म करने के , हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाते हैं , और थोड़ी देर बाद बिल्ली के पेट में होते हैं ,फिर वो अपनी मौत के लिए अपने भाग्य को दोष देते हैं !
हम भी इन्हीं तीन में से किसी एक category में आते हैं ! वैसे भी दोस्तों भाग्य भी उन्हीं का ही साथ देता है जो स्वयं श्रमशील हैं , कर्मठ हैं,मेहनती हैं ! है ना ? तो कोनसी category के इंसान कहलाय जाना पसंद करेंगे आप ?
डॉ नीरज….
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जब मैं 6वी में था तब यह मैने पढ़ी थी. दुबारा पढ़ के अच्छा लगा.
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