may14

शुक्रवार, 17 मई 2013

क्यों नहीं मिलती है मंजिल .




              क्यों नहीं मिलती है मंजिल .......



दोस्तों,

गहरे समुद्र में चलने वाला विशाल जहाज जिसमे हजारों यात्रियों को ले जाने की और गहरे समुद्र में सतत अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने की क्षमता होती है ! वो जहाज 2 कारणों से अपने लक्ष्य से चूक सकता है ! गहरे समुद्र में डूब सकता है ! 
वो 2 कारण हैं --

1. बाहरी कारण --तेज समुद्री तूफ़ान ,भीमकाय लहरों या भंवर में फंस जाना  और
2. आंतरिक कारण -- उस विशालकाय जहाज के पेंदे में हुआ एक छोटा सा छेद ,जिसके द्वारा जहाज में पानी भर कर उसे डुबो सकता है !

उसी तरह दोस्तों हमारे शरीर रूपी जहाज को भी 2 कारण अपने लक्ष्य से भटका सकते हैं ! हमें मंजिल पर पहुँचने से पहले ही बीच सफ़र में डूबा सकते हैं !

उदाहरण के लिए अगर हम किसी student की बात करें तो उसके लिए बाहरी कारण हैं ----

1. बाहरी कारण --exam के समय बीमार हो जाना ,समय से notes ना मिलना ,teachers द्वारा सही तरीके से ना पढाया जाना , college या school दूर होने से आने जाने में समय बर्बाद होना  इत्यादि !

2.आंतरिक कारण -- पूरे साल को यूँ ही व्यर्थ गँवा देना ,सुबह देर से उठना ,लापरवाही ,आलस ,पढ़ाई में मन ना लगना ,आज की पढ़ाई कल पर टालना .....!

तो दोस्तों कारण दोनों में से कोई भी हो ,परिणाम एक ही होगा ---साल की बर्बादी या exam में fail . है ना ?

उसी तरह येही कारण हम सबकी जिंदगी पर भी लागू होते हैं !

हमारा लक्ष्य चाहे जो भी हो ,मंजिल चाहे जो भी हो ! हम बाहरी कारणों को ज्यादा नहीं बदल सकते ! लेकिन अपने आलस,लापरवाही जैसे आन्तरिक  कारणों को तो दूर कर ही सकते हैं ! 

आपने आलस ,अनियमितता ,कल पर टालने की आदत ,दीर्घसूत्रता ,समय को बर्बाद करना ,सेहत पर ध्यान ना देना ,लक्ष्य को निर्धारित ना करना जैसे कई कारण रूपी छिद्र हैं जो हमारे शरीर रूपी जहाज को मंजिल पर पहुँचने के पहले ही भटका सकते हैं ,डूबा सकते हैं ! तो आइये दूर करें अपनी आन्तरिक कमजोरियों को और बढ चलें अपनी मंजिल की तरफ ..............!


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4 टिप्‍पणियां:

  1. प्रतीको के माध्यम से अपनी बात कहने का आपका तरीका अनुकरणीय है। जहाज को प्रतीक बना कर उससे सफलता का सूत्र निकालना निश्चित ही एक अच्छा प्रयास है।

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  2. i am mrwasimkhan@gmail.com i like
    thise point is very importent.

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दोस्त, आपके अमूल्य comment के लिए आपका शुक्रिया ,आपकी राय मेरे लिए मायने रखती है !