कार्य में व्यवस्था ,देती है सफलता ......
दोस्तों
आइये आज आलू की सब्जी बनाते हैं ! इसे हम 2 तरीकों से बना सकते हैं ! तो शुरू करते हैं , पहला तरीका ---
आज सुबह नींद से उठते ही मन में विचार आया की आज आलू की सब्जी खानी है ! सोचा जब भूख लगेगी तभी रसोई में जा कर तुरंत बना लेंगे ! भूख लगी ,रसोई में गए ,कड़ाही चढाई ,गैस on की ,पर ये क्या ?? सिलेंडर तो खाली पड़ा है ,अरे ........! चलो कोई बात नहीं ,पड़ोसियों से उधार मांग कर गैस जलाई !
basket में देखा तो आलू ही ख़तम ...! तुरंत गाडी उठाई ,बाजार जा कर आलू लाये गए ! चलिए आलू भी आ गए ! कड़ाई गर्म कर तेल डाला , प्याज भुने ! मसालेदानी में देखा ,नमक ही नहीं है ,.........धत्त तेरे कि……………। फिर दुबारा बाजार ! क्या करें जाना ही पड़ा ! फिर भुने मसाले में आलू पकने को रख कर महाशय अपने दूसरे काम में लग गए ! अचानक जलने की गंध आई ! तो रसोई की तरफ भागे ,देखा आलू की सब्जी कड़ाई में जल कर ख़ाक हो गई है ! बेचारा ......आलू भी .........और भूखे हम भी !
चलिए अब दूसरा तरीका---
सुबह उठते ही आलू की सब्जी खाने का विचार मन में आते ही आप रसोई में जाते हैं ! देखते हैं की आलू,प्याज ,मसाले,नमक, गैस सब भरपूर है की नहीं ! जो नहीं है उसे बाजार से इत्मिनान से लाते हैं ! भूख लगने के पहले ही रसोई में जाकर सारा सामान करीने से जमा देते हैं , फिर बड़ी सहजता ,इत्मीनान और मन से सब्जी बनाते हैं ! और बड़े स्वाद से खाते भी हैं ! यक़ीनन सब्जी बड़ी testy जो बनी है !
तो दोस्तों ,कोनसा तरीका आप अपनाना चाहेंगे ? जाहिर है दूसरा वाला ही ,है ना ?
तो क्यों नहीं , हम अपने रोज के कामों को भी दूसरे तरीके से निबटाते हैं ?
हम रोज अस्त-व्यस्त तरीके से दिन शुरू करते हैं ! कोई साफ़ लक्ष्य नहीं ,कोई साफ़ दैनिक कार्य-योजना नहीं ,कोई समय का प्रबंधन नहीं ,बस बेतरतीब से काम किये जाते हैं ! रात होने पर पता पड़ता है , अरे ! दिन तो यूँ ही निकल गया और कुछ ख़ास और सार्थक हासिल भी नहीं हुआ ! जाना था रामगढ़ ,पहुँच गए श्यामगढ़ ,है ना ?
दोस्तों ,
चाहे सब्जी बनाना हो या काम निबटाना ,व्यवस्था और पूर्व तैयारी तो जरुरी है ,है ना ?
हमारे काम अच्छे से,समय से ,पूरी तरह से पूरे हों ,इसके लिए क्यों ना हम --
- रात में ही अगले दिन के काम की list बना लें !
- list हमेशा लिखित में ही बनाएँ !
- सबसे जरुरी काम सबसे पहले रखें और करें भी !
- मुख्य-मुख्य कामों को एक diary में लिख लें !
- अपने लक्ष्य या कामों को लिखना ,शेर या हिरन के गले में फंदा डालने जैसा है ! वे अब कितना भी उछल -कूद मचा लें ,इधर -उधर छिपने की कोशिश करें ! रहेंगे आपकी नजरों के सामने ही !
- काम या लक्ष्य की प्राप्ति हेतु आवश्यक चीजों को पहले ही इकठ्ठा कर तरतीब से रख लें ,ताकि अनावश्यक समय और शक्ति की बर्बादी न हो !
- किसी भी लक्ष्य या काम के लिए सोचने के समय सिर्फ सोचें ,अच्छी तरह सोचें ,खूब सोचें ,हर पहलू को सोचें ,पूरे मन से सिर्फ सोचें !
- लेकिन कर्म का समय आने पर सिर्फ और सिर्फ काम करें ,सोचा -विचारी या टाल मटोल नहीं करें !
- सुबह बिस्तर से उठ कर गहरी सांस लें ,मुँह धोएं , आज के लक्ष्य और काम वाली list पढें और जुट जाएँ उन्हें पूरा करने में, तुरंत ........!
डॉ नीरज
---------------------------------------------------------------------------------------------------
सर मैने पढ़ने के लिए भी यही तरीका अपनाता हूँ इस तरीके से काम अच्छी तरह से हो जाता है साहिल कुमार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सलाह दी है सर आपने ड आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएं