आ से आंवला ,आ से आरोग्य
हमारे देश में बहुतायत से मिलने वाला फल ,जिसे धात्रीफल ,अमृत फल भी कहते हैं ! अमृत जिसके सेवन से देवता अमर और चिरयुवा हो गए ! और इस अमृत फल के सेवन से वृद्ध च्यवन ऋषि पुनः युवा हो गए थे ! आयुर्वेद के अनुसार ये त्रिदोषनाशक है ! इसके गुण इसके अमृत फल नाम को सार्थक करते हैं !
- वय स्थापक (शरीर को युवा रखने वाले ) द्रव्यों में यह सर्वश्रेष्ठ है ! यह शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है ! आंवले में नारंगी से 20 गुना अधिक vitamin c होता है ! यह एक बेहतर antioxident है जो शरीर को युवा और स्वस्थ रखता है !
- आंवला एक उत्तम रक्तशोधक है ! खून में जमा हुए विजातीय तत्वों को दूर करता है ! इसलिए रक्तविकार (फोड़े-फुंसी ) नाशक है !
- यह एक श्रेष्ठ रसायन है ,जो शरीर की कोशिकाओं को लम्बे समय तक स्वस्थ और युवा रखता है ! इसका सेवन बालों एवं आँखों के लिए लाभकारी है !
- शारीर में महसूस होने वाली झूठी गर्मी ,दाह (acidity ),और पुरुषों में वीर्य की गर्मी को दूर करता है !
- इसके रस को मिश्री के साथ लेने से गुर्दों में जमा मल दूर होता है !
- शरीर में होने वाली थकान ,विबंध (constipation),यकृत विकार ,महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव ,प्रदर ,गर्भाशय की दुर्बलता और पुरुषों में प्रमेह और शुक्रमेह को दूर करता है ! पोरुष को बढाता है !
- आंवला सुप्रसिद्ध योग च्यवनप्राश और त्रिफला का मुख्य घटक है !
- चूर्ण,मुरब्बा ,केन्डी ,आमलकी रसायन ,स्वरस(मिश्री या शहद मिला कर ) ,च्यवनप्राश किसी भी रूप में इसका सेवन किया जा सकता है !
तो आइये इन सर्दियों में आंवला खाएं ,आरोग्य पाएं !
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डॉ नीरज यादव ,
M .D .(Ayurved)
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Bahut Umda Jankari
जवाब देंहटाएंuseful tips
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
जवाब देंहटाएंnice tips
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