मैंने कहा, कोशिश तो कर ……
दोस्तों,
मेरी post -- करिष्ये वचनं तव ..... को आप सब ने लोकप्रिय पोस्ट के दूसरे पायदान पर सुशोभित किया है ,शुक्रिया दिल से……
युद्ध के मैदान में जब अर्जुन हताश और पलायनवादी होने लगता है ,तब श्री कृष्ण उसे जो ज्ञान देते हैं ,एक कोशिश की है उसे अपने शब्दों में पिरोने की ,
कृष्ण कहते हैं -----
उसने कहा मुझसे नहीं होगा
मैंने कहा , कोशिश तो कर !
चलने से पहले रुक जाना
उठने से पहले बैठ जाना
बिना किये ही थक जाना
बिना जिए ही मर जाना
अरे ! हटा इन मन के भावों को
कुछ करने की हिम्मत तो कर !
क्यों व्यर्थ समय को खोता है
कर्म तो करने से ही होता है
जीवन एक संग्राम बड़ा है
पग-पग पर व्यवधान खड़ा है !
क्यों मोह-माया में उलझ रहा
कर्तव्य से क्यों भटक रहा
आलस-प्रमाद अवसाद का कोहरा
क्यों तेरे चहुँ ओर लिपट रहा !
दूर हटा अवसाद के तिमिर को
आशा की ज्योति तो जप
चल उठ ,खड़ा हो झटक डर को
चढ़ा प्रत्यंचा गांडीव पर !
उसने कहा मुझसे नहीं होगा
मैंने कहा , कोशिश तो कर .....
डॉ नीरज यादव
दोस्तों जैसा स्नेह आपने मेरी पहली गीता सार पोस्ट को दिया है ,उम्मीद है उतना ही अपनत्व इस पोस्ट को भी देंगे ,देंगे ना ?
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