may14

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

sardar vallabhbhai patel quotes in hindi





लोह पुरुष "सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड  गुजरात में एक गुजरती कृषक परिवार में हुआ था ! आप स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री थे ! देसी रियासतों का स्वतंत्र भारत में एकीकरण आपकी एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी !  बारडोली कसबे में सशक्त सत्याग्रह करवाने के लिए ही आपको सरदार कहा जाने लगा !  15 दिसम्बर 1950 को मुंबई में आपका निधन हो गया !  आप सच्चे अर्थों में स्वतंत्र भारत के निर्माता और राष्ट्र एकता के बेजोड़ शिल्पी थे !

सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल कथन ---

  • जो काम कल करना है ,उसकी बातों में ही आज का काम बिगड़ जाएगा ! और आज के काम के बिना कल का काम नहीं होगा ! आज का काम कीजिये ,तो कल का काम अपने आप हो जाएगा !

  • काम करने में तो मजा ही तब आता है ,जब उसमे मुसीबत होती है ! मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम है ! मर्दों का काम है ! कायर तो मुसीबतों से डरते हैं ! लेकिन हम कायर नहीं हैं ,हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये !

  • लोहा भले ही गरम हो जाए ,परन्तु हथोड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिये ! हथोडा गरम हो जाए तो अपना ही हत्था जला देगा ! 

  • मेरी तो आदत पड़ गई है की जहाँ पैर रख दिया ,वहां से पीछे न हटाया जाए !जहाँ पैर रखने के बाद वापस लोटना पड़े ,वहां पैर रखने की मुझे आदत नहीं ,अँधेरे में कूद पड़ने का मेरा स्वभाव नहीं है !

  • अविश्वास भय का कारण है !

  • जो तलवार चलाना जानते हुए भी तलवार को म्यान में रखता है ,उसी की अहिंसा सच्ची कही जाएगी ! कायरों की अहिंसा का क्या मूल्य ?

  • इंसान जितने सम्मान के लायक हो ,उतना ही उसका सम्मान करना चाहिये ,उससे अधिक नहीं करना चाहिये ,नहीं तो उसके नीचे गिरने का डर रहता है !

  • मान-सम्मान  किसी के देने से नहीं मिलते ,अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं !

  • थका हुआ इंसान दोड़ने लगे ,तो स्थान पर पहुँचने के बजाय जान गंवा बेठता है !      ऐसे समय पर आराम करना और आगे बढ़ने  की ताकत जुटाना उसका धर्म हो जाता है !

  • मुफ्त चीज मिलती है ,तो उसकी कीमत कम हो जाती है ! परिश्रम से पाई हुई चीज की कीमत ही ठीक तरीके से लगाई जाती है !

  • कोशिश करना हमारा फर्ज है ! अगर हम अपने फर्ज को पूरा ना करें तो हम ईश्वर के गुनहगार बनते हैं !

  • बहुत बोलने से कोई लाभ नहीं ,बल्कि हानि ही होती है !

  • जवानी को जाते देर नहीं लगती ,और गई हुई जवानी फिर वापस नहीं आती ! जो मनुष्य जवानी के एक एक पल का उपयोग करता है ,वह कभी बूढा नहीं होता !  सदा जवान बने रहने की इच्छा वाला मनुष्य मरते दम तक अपने कर्त्तव्य पालन में जुटा  रहता है !

  • विश्वास रख कर आलस्य छोड़ दीजिये ,वहम मिटा दीजिये ,डर छोड़िये ,फूट का त्याग कीजिये ,कायरता निकाल डालिए ,हिम्मत रखिये ,बहादुर बन जाइए ,और आत्मविश्वास रखना सीखिए ! इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे ,अपने आप मिलेगा ! दुनिया में जो जिसके योग्य है ,वह उसे मिलता ही है !

  • जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है ,इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती !

  • उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये !

  • कठिनाइयाँ दूर करने का प्रयत्न ही न हो ,तो कठिनाइयाँ मिटें कैसे ?  मुश्किलें दिखते  ही हाथ-पैर बाँध कर बैठ  जाना  और उन्हें दूर करने की कोशिश न करना  निरी कायरता है !

  • यह सच है की पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं ,किनारे खड़े रहने वाले नहीं ! मगर ऐसे लोग तैरना भी नहीं सीखते !

  • हमें गम खाना सीखना चाहिये ! मान-अपमान सहन करने की आदत डालनी चाहिये !

  • अपने जीवन में हम जो कुछ कर पाते हैं ,वह कोई बड़ी बात नहीं ,जिसके लिए हम मगरुरी ले सकें ! क्योंकि जो कुछ हम करते हैं ,उसमे हमारा क्या भाग है ? असल में कराने  वाला तो खुदा है !

  • हमें चिंता कभी नहीं करनी चाहिये ! जितना दुःख भोगना नसीब में लिखा होगा ,उतना भोगना ही पड़ेगा !

  • जीवन में सब दिन एक से नहीं जाते !

  • पिछला दुखड़ा रोना कायरों का काम है ! हिसाब लगा कर मुकाबले की तैयारी करना बहादुरों का काम है !

  • कल हमें कोई मदद देने वाला है ,इसलिए आज बेठे रहे ,तो आज भी बिगड़ जाएगा ,और कल तो बिगड़ेगा ही !

  • भगवान् के आगे झुकना चाहिये ,दूसरों के आगे नहीं ! हमारा सर कभी ना झुकने वाला होना चाहिये !

  • बेकार मत बेठिये ! बेकार बेठने वाला सत्यानाश कर डालता है ! इसलिए आलस्य छोड़िये ! रात-दिन काम करने वाला इन्द्रियों को आसानी से वश में कर लेता है !


  • बोलने में मर्यादा मत छोड़ना ,गालियाँ देना तो कायरों का काम है !

  • आम का फल समय से पहले तोड़ोगे तो वह खट्टा लगेगा , दांत खट्टे हो जाएंगे ! मगर उसे पकने देंगे तो वह अपने आप टूट जाएगा और अमृत के सामान लगेगा !

  • जब तक हमारा अंतिम ध्येय प्राप्त ना हो जाए ,तब तक उत्तरोत्तर अधिक कष्ट सहन करने की शक्ति हमारे अन्दर आये ,यही सच्ची विजय है 

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2 टिप्‍पणियां:

  1. Sarder patel sb ke vo kathan jisme kathni or karni me koi anter nahi unhone jo kaha kar dikhaya,dr.neeraj yadav ke ye prayas vakai unke blog ke naan acchibatein ko arthvan banate he.

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  2. सरदार को नमन !!
    !! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
    !! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
    दीपोत्सव की शुभकामनायें !!

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दोस्त, आपके अमूल्य comment के लिए आपका शुक्रिया ,आपकी राय मेरे लिए मायने रखती है !