दोस्तों ओशो रजनीश ने इस संसार के करोड़ों व्यक्तियों के विचार और जीवन को प्रभावित किया है ! आपके दिए प्रवचनों ने जीवन को एक नई दिशा दिखाई है ! ओशो के अनमोल वचनों को किसी एक आर्टिकल या किसी एक किताब मे नहीं बाँधा जा सकता ! मेरी कोशिश रहेगी की ओशो की जिन बातों ने मुझे प्रभावित किया,मार्गदर्शन दिया ,उन्हें मे आप सब के साथ share करूँ !
दोस्तों ,प्रस्तुत आर्टिकल ओशो की book--महावीर वाणी (संकल्प साधना ) से है !
ओशो के अनमोल वचन ---
- हम अनुकरण से जीते हैं ! एक आदमी पेशाब करने चला जाए तो कई लोगों को ख्याल हो जाएगा की पेशाब करने जाना है ! संक्रामक है ! हम एक दूसरे के हिसाब से जी रहे हैं !
- काल निर्दयी है ' इसका अर्थ यह है की समय आपकी चिंता नहीं करता ! इसलिए ,इस भरोसे मत बैठे रहना की आज नहीं कल कर लेंगे ,कल नहीं परसों कर लेंगे ! पोस्टपोन मत करना ,स्थगित मत करना ! क्योंकि जिसके भरोसे स्थगित कर रहे हो ,उसको जरा भी दया नहीं है !
- कल कभी भी नहीं होता है ! जब भी हाथ मे आता है, तो आता है आज ! और उसको भी कल पर छोड़ देते हैं ! हम जीते ही नहीं ,स्थगित किये चले जाते हैं ! कल जी लेंगे ,परसों जी लेंगे !
- जो भी किया जा सकता है ,उसी वक़्त किया जा सकता है ! जिसे आप कल पर छोड़ रहे हैं ,जान लें ,आप करना नहीं चाहते हैं !
- अनुभव सदा सही रहेगा ,जानकारी सदा सही नहीं रहेगी !
- शरीर की दो तरह की जरूरतें हैं --भरने की और निकालने की ! जो चीज नहीं है उसे भरो ,जो चीज ज्यादा हो जाए उसे निकालो ! यह शरीर की कुल दुनिया है !
- एक क्षण को भी बेहोश मत जी ! उठ ,तो ये जानते हुए उठ ,की तू उठ रहा है ! बैठ तो जानते हुए बैठ ,की तू बैठ रहा है ! तेरे भीतर कुछ भी ना हो पाए जो तेरे बिना जाने हो रहा है !
- जो मांगता है उसे मिलता नहीं और जो नहीं मांगता उसे बहुत मिल जाता है !
- मोह के बिना दुःख होता ही नहीं ! जब भी दुःख होता है ,मोह से होता है !
- दूसरे को दुःख देना मेरे हाथ मे कहाँ है ,जब तक दूसरा दुखी होने को तैयार ना हो !
- मै आपको कहीं और ध्यान ले जाने को नहीं कह रहा हूँ ! आप जो कर रहे हैं उसको ही ध्यान बना लें ! इससे आपके किसी काम मे बाधा नहीं पड़ेगी ,बल्कि सहयोग बनेगा ! क्योंकि जितने ध्यान पूर्वक काम किया जाए ,उतना कुशल हो जाता है !
- प्रयास तो करना ही होगा ,लेकिन उस प्रयास को एक बोझिलता जो बनाएगा,वह हार जाएगा !
- आदमी एक कदम चलता है एक बार मे ,कोई मीलों की छलांग नहीं लगाता ! और एक एक कदम चल कर आदमी हजारों मील चल लेता है ! लेकिन जो आदमी ये देखता है की अगर एक कदम चल लेता हूँ तो एक कदम हजार मील मे कम हुआ ! और अगर जरा सा भी कम होता है तो एक दिन सागर को भी चुकाया जा सकता है !
- जिसने पहला उठा लिया है ,वह अंतिम भी उठा लेगा ! पहले मे ही अड़चन है ,अंतिम मे अड़चन नहीं है !
- पहला कदम आधी यात्रा है ,चाहे यात्रा कितनी ही बड़ी क्यों ना हो !
- आदमी बीतता है ! समय नहीं बीतता ! हम खर्च होते हैं,समय खर्च नहीं होता !
- लेकिन कल तो कभी आता नहीं ,जब भी आता है ,आज ही आता है ! कल भी आज ही आएगा !
- हम जो हैं वही हम सोच पाते हैं ! हम अपने ढंग से सोचते हैं !
- भूल भी ठीक की तरफ ले जाने का मार्ग है ! इसलिए भूल करने से डरना नहीं चाहिये ,नहीं तो कोई आदमी ठीक तक कभी पहुँचता नहीं ! भूल करने से जो डरता है वह भूल मे ही रह जाता है ! खूब दिल खोल कर भूल करनी चाहिये ! एक ही बात ध्यान रखनी चहिये की एक ही भूल दुबारा ना हो !
- जो कल हो चुका ,उससे सीखें और पार जायें ,दुहरायें मत ! जहाँ से गुजर गए वहां से गुजर ही जाएँ ,उसको पकडे मत रखें !
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साभार --संकल्प साधना (महावीर वाणी ) पुस्तक से
सौजन्य: ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन
प्रकाशक -- डायमंड पॉकेट बुक्स |
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जी धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहोत अच्छे. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंभूल किये जा खुल कर लेकिन वही भूल दुबारा नहीं करना वास्तव में जिन्दगी जीने का मूल मंत्र है, इस कथन से जिंदगी में सुधार की सीढ़ी पर चढ़ने का मार्ग प्रसस्थ होगा।
जवाब देंहटाएंOsho ki vadi me svayam ko jano svayam ko ham kaise jane please marge darshan late...
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